
रातभर हुई भारी बारिश ने पूरे उत्तर बंगाल में तबाही मचा दी है। लगातार हो रही वर्षा से दार्जिलिंग के मिरिक और सुखिया पोखरी इलाकों में कई जगह भूस्खलन हुआ, जिसमें अब तक 14 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। दार्जिलिंग जिला पुलिस और स्थानीय प्रशासन लगातार बचाव और राहत कार्य में जुटे हैं, लेकिन खराब मौसम और दुर्गम इलाके राहत कार्य में बड़ी बाधा बन रहे हैं। प्रशासन को आशंका है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि कई जगह अब भी लोग मलबे में फंसे हुए हैं।
#WATCH | West Bengal Movement of vehicles has been restricted on the Siliguri-Darjeeling SH-12 road after a portion of Dudhia iron bridge collapsed due to heavy rain in North Bengal. pic.twitter.com/0Rv61YekTa
— ANI (@ANI) October 5, 2025
IMD ने कई जिलों के लिए जारी किया अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने शनिवार, 5 अक्टूबर को भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
- दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, कलिम्पोंग और कूचबिहार जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
- अलीपुरद्वार के लिए रेड अलर्ट लागू है, जबकि
- उत्तरी दिनाजपुर, दक्षिणी दिनाजपुर और मालदा जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विभाग ने लोगों को पेड़ों या बिजली के खंभों के नीचे शरण लेने से बचने, और नदी-तालाब जैसे जल निकायों से दूर रहने की चेतावनी दी है। बिजली गिरने और तेज हवाओं से हादसे का खतरा बना हुआ है।
पश्चिम बंगाल और सिक्किम के बीच टूटा सड़क संपर्क
लगातार बारिश और भूस्खलन ने पश्चिम बंगाल और सिक्किम के बीच सड़क संपर्क पूरी तरह से तोड़ दिया है।
- जलपाईगुड़ी, सिलीगुड़ी और कूचबिहार जिलों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है।
- दार्जिलिंग और सिलीगुड़ी को जोड़ने वाली मुख्य सड़क भूस्खलन की वजह से बंद कर दी गई है।
- राष्ट्रीय राजमार्ग 717E, जो सिलीगुड़ी और सिक्किम को जोड़ता है, पर भी पेडोंग और ऋषिखोला के बीच भूस्खलन हुआ है, जिससे रेनॉक होते हुए जाने वाला रूट पूरी तरह ठप हो गया है।
कलिम्पोंग जिले में स्थिति और भी गंभीर है — लगातार बारिश से भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है, कई सड़कें कट गई हैं और कम्युनिकेशन लाइनों में बाधा आ गई है। ग्रामीण इलाकों में बिजली और नेटवर्क सेवा ठप पड़ी है, जिससे राहत कार्य और मुश्किल हो गए हैं।
दुधिया में बालासन नदी पर पुल ढहा
भारी बारिश का सबसे बड़ा असर दुधिया में देखा गया, जहां बालासन नदी पर बना लोहे का पुल पूरी तरह ढह गया। यह पुल सिलीगुड़ी और मिरिक को जोड़ने का मुख्य मार्ग था। पुल टूटने से इस रूट पर वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई है, जिससे आवागमन पूरी तरह ठप है।
नदी के किनारे बसे लोगों में डर का माहौल है, क्योंकि जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। प्रशासन ने नदी किनारे रहने वाले परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।
तेज बारिश और भूस्खलन के कारण उत्तर बंगाल में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई इलाकों में बिजली आपूर्ति ठप है, स्कूल बंद कर दिए गए हैं और पर्यटकों को दार्जिलिंग और कलिम्पोंग की यात्रा टालने की अपील की गई है।