-यह तरीका झट से डाउन कर देगा बीपी
नई दिल्ली (ईएमएस)। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, दुनिया भर में करीब 1.28 अरब लोगों का बीपी बढ़ा हुआ है लेकिन दुर्भाग्य से इनमें से 46 प्रतिशत को पता भी नहीं है कि उन्हें ब्लड प्रेशर की बीमारी है। हर साल दुनिया में 75 लाख लोगों की मौत के लिए किसी न किसी तरह से ब्लड प्रेशर जिम्मेदार रहता है। हालांकि बीपी कम करने की दवा उपलब्ध है लेकिन सच्चाई है कि लोग सालों तक बीपी की दवाई खाते लेकिन बीपी नॉर्मल नहीं होता। अब एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने ऐसा तरीका सुझाया है जिसमें बीपी बहुत जल्दी नॉर्मल हो जाएगा। अध्ययन में कहा गया है कि दवाइयों की अदला-बदली या दवाइयों की खुराक में परिवर्तन कर बीपी को बहुत जल्दी नॉर्मल किया जा सकता है। यह अध्ययन स्वीडन की उपासला यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने किया है।
जानकारी के मुताबिक अध्ययन में ब्लड प्रेशर की चार अलग-अलग दवाइयों को मरीजों पर अध्ययन किया गया। करीब 280 बीपी के मरीजों पर इसका एक साल तक प्रयोग किया। स्वीडन के उपासला यूनिवर्सिटी के कार्डियोलॉजिस्ट और प्रोफेसर जोहान सैंडस्टॉर्म ने कहा कि जब भी किसी का बीपी बहुत दिनों तक नॉर्मल नहीं होता तो खुराक को बढ़ा दी जाती है लेकिन अगर दवाई को बदल दिया जाए तो इसका असर खुराक बदलने की तुलना में दोगुना होता है। उन्होंने कहा कि हमारे अध्ययन में यह स्पष्ट हो चुका है कि मरीजों को दवाई बदलने के बाद पूरी तरह ब्लड प्रेशर नॉर्मल हो गया। दवाई बदलने का असर क्लिनिकली रूप से प्रमाणित हो चुका है। अध्ययन में कहा गया कि अधिकांश लोगों ब्लड प्रेशर बहुत पहले शुरू हो जाता है।
इनमें से कुछ ही लोग ब्लड प्रेशर को कंट्रोल कर पाते हैं। अधिकांश लोग इलाज ही नहीं कराते। जो लोग दवा लेते भी है, उन्हें साइड इफेक्ट के डर से एक ही तरह की दवाई बहुत दिनों तक दी जाती है। ब्लड प्रेशर की दवाइयों में काफी विविधता है। इसलिए इसके गंभीर जोखिम को देखते हुए डॉक्टर शुरुआत में प्रभावशाली दवा नहीं देते। यही कारण है दवा खाने के बावजूद बीपी कंट्रोल में नहीं रहता। शोधकर्ताओं ने पाया कि प्रत्येक व्यक्ति को इष्टतम दवा दी जा सकती है। इसके लिए उन्होंने एक साल तक ब्लड प्रेशर की चार अलग-अलग तरह की दवा दी।