दूसरी लहर में कोविड के उपचार में सरकार द्वारा निर्धारित दर से अधिक रुपये वसूलने वाले अस्पतालों को पुन: कोविड के उपचार की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि बहुत जरूरत पड़ी तो उनसे नियमानुसार कार्य करने का शपथ पत्र लेकर उनके अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाया जा सकेगा। जिले के सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में 2652 बेड तैयार हो चुके। इसके अलावा बच्चों के लिए अलग से बेड व पीडियाट्रिक आइसीयू तैयार किए गए हैं। साथ ही 17 आक्सीजन उत्पादन पलांट कार्य करने लगे हैं।
सरकारी व निजी अस्पतालों में तैयार हैं 2652 बेड
सीएमओ डा. आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में 1205 व निजी अस्पतालों में 1447 बेड तैयार हो गए हैं। रेलवे में दो सौ बेड व स्पोर्ट्स कालेज में 150 बेड तैयार करने की तैयारी चल रही है। साथ ही चार सौ बेड एम्स में तैयार करने के लिए बात की जाएगी। अभी हमारे पास 927 आइसीयू बेड हैं, इसमें 435 सरकारी अस्पतालों में और 492 निजी अस्पतालों में हैं। साथ ही सरकारी अस्पतालों में 175 व निजी अस्पतालों में 108 आइसीयू बेडों पर वेंटीलेटर तथा अन्य आइसीयू बेडों पर हाई फ्लो नेजल कैनुला या बाईपैप लगाए गए हैं। इसके अलावा बच्चाें के लिए 89 बेड के पीडियाट्रिक आइसीयू (पीकू) तैयार किए गए हैं।
बीआरडी मेडिकल कालेज में- 500
नेहरू अस्पताल में- 50
टीबी अस्पताल में- 90
रेलवे अस्पताल में- 25
एयरफोर्स अस्पताल में – 60
एम्स में- 30
सीएचसी हरनही में- 50
सीएचसी चौरीचौरा में- 50
महायोगी गुरु गोरक्षनाथ आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज में- 200
राजकीय होम्योपैथिक कालेज बड़हलगंज में- 100
सीएचसी कैंपियरगंज में- 50
निजी अस्पतालों में- 1447
आइसीयू बेड
बीआरडी मेडिकल कालेज में- 220
नेहरू अस्पताल में- 07
रेलवे अस्पताल में- 25
एयरफोर्स अस्पताल में- 05
सीएचसी चौरीचौरा में- 03
महायोगी गुरु गोरक्षनाथ आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज में- 175
निजी अस्पतालों में- 492
वेंटीलेटर युक्त बेड
बीआरडी मेडिकल कालेज में- 65
नेहरू अस्पताल में- 02
एयरफोर्स अस्पताल में- 05
सीएचसी चौरीचौरा में- 03
महायोगी गुरु गोरक्षनाथ आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज में- 100
निजी अस्पतालों में- 108
पीडियाट्रिक आइसीयू
बीआरडी मेडिकल कालेज में- 25
सीएचसी कैंपियरगंज में- 12
सीएचसी चौरीचौरा में- 12
सीएचसी हरनही में- 12
राजकीय होम्योपैथिक कालेज बड़हलगंज में- 12
रेलवे अस्पताल में- 16
अस्पतालों में करें कोरोना से बचाव की व्यवस्था
निजी अस्पताल ओपीडी में आने वाले संदिग्ध रोगियों की कोविड जांच हर हाल में कराएं। एंटीजन के साथ उनका नमूना आरटीपीसीआर जांच के लिए भेजा जाए। रोगियों के साथ केवल एक तीमारदार को प्रवेश दिया जाए। जरूरत के मुताबिक भिन्न-भिन्न समय पर कम संख्या में रोगियों को बुलाएं। अस्पतालों में कोरोना से बचाव की व्यवस्था की जाए। यह निर्देश सीएमओ डा. आशुतोष कुमार दूबे ने निजी अस्पतालों को दिया है।
उन्होंने कहा है कि कोरोना संक्रमित मिलने पर तत्काल इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दें। उन्होंने कोविड अस्पताल में भेजने से पहले वहां पर बेडों की उपलब्धता जानकारी कर लें। संक्रमित के संपर्क में आने वाले अस्पतालकर्मी और स्वजन को होम क्वारंटाइन कराएं। यदि संक्रमित की मौत हो जाती है तो कोविड प्रोटोकाल के अनुसार शव पैक करें। इसके पहले संक्रमित के हाथ में लगे इंट्राकैथ आदि हटा दें और मुंह, नाक, कान ओरफिसेज को सील करें, जिससे की शव के तरल पदार्थ का लिकेज न हो। शव को एक प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोरोइट सोल्यूशन से विसंक्रमित करें। इस काम में लापरवाही न होने पर संक्रमण की आशंका अधिक रहेगी। इसलिए इसमें लापरवाही बिल्कुल न बरतें।