विकासनगर। कोतवली पुलिस ने चैकिंग के दौरान दो शातिर तस्कर को 42 नग देवदार व पिकअप वाहन बरामद कर मुकदमा दर्ज किया गया है। बरामद लकड़ी की कीमत बाजार में करीब ढाई लाख रुपए आंकी जा रही है।
कोतवाल प्रदीप बिष्ट ने बताया कि शनिवार को पुलिस चैकिंग कर रही थी। इस दौरान एक वाहन विकासनगर से वादामावाला की तरफ आ रही थी। वाहन को रोकने का इशारा किया तो चालक ने वाहन को तेज गति से भागने लगा। पीछा करने पर वाहन को पकड़ कर तलाशी की तो उसमें चोरी के 42 नग देवदार के बरामद हुए। पुछताछ में आरेापियों ने अपनी पहचान विक्रम सिंह पुत्र जीवन सिंह निवासी छटेउ खत चकराता, जितेन्द्र पुत्र दासी निवासी क्वारना खत बमराड चकराता के रूप में पहचान हुई। बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ वन विभाग में पहले से मुकदमा चल रहा है। बताया कि पकड़ी गई लकड़ी चकराता जंगल के वन प्रभाग से आई है।
रिजर्व फारेस्ट में कट रही लकड़ी, जिम्मेदार मौन
विकासनगर। चकराता वन प्रभाग में पकड़ी गई लकड़ी का यह कोई नया मामला नहीं है, जिससे हर बार रिजर्व फारेस्ट से लकड़ियों की तस्करी की जा रही है, लेकिन महकमा को जानकारी होते हुए भी कार्यवाही के नाम पर जीरो है। विभाग के अधिकारी जंगलों का निरीक्षण करने की बजाए कार्यालयों में आराम फरमा रहे है। जिससे तस्करों के हौंसले बुलंद होते जा रहे हैं। हाल में ही वन विभाग ने दो वाहनों से अटाल बैरियर पर 48 नग बरामद किए थे, जबकि एक वाहन तस्करी करते हुए दुर्घटनाग्रस्त भी हो गया था। इससे पूर्व भी वन विभाग ने दर्रारेट चैक पोस्ट पर भी करीब 36-36 नग के साथ दो वाहनों को पकड़ा गया था। वह भी रिजर्व फारेस्ट से आने की बात वन विभाग ने कई थी, यदि इस तरह से हरे जंगलो से प्रकाष्ठ को नहीं रोका गया तो, वह दिन दूर नहीं जब जंगल का सफाया हो जाएगा।
दो माह में विभाग ने 150 से ज्यादा के नग किए बरामद
चकराता वन प्रभाग में हर बार लकड़ी तस्करी का मामला प्रकाश में आ रहा है। विगत दो माह में करीब चार वाहनों में अभी तक लगभग जंगल से काटी गई प्रकाष्ठ को पुलिस व वन विभाग ने 150 से ज्यादा नग बरामद किया है, लेकिन इस तरह से जंगल का कटान हुआ तो वह दिन दूर नही जब जंगल ही समाप्त हो जाएगे, लेकिन महकमा जंगल के प्रति गंभीर नहीं दिख रहा है। जिससे तस्करों के हौंसले बुलंद है।
वहीं इस ओर दीपचंद आर्य डीएफओ चकराता का कहना कि मामले की जांच की जा रही है। कहा कि जांच होने पर कार्यवाही की जाएगी।