देश के 15वें उपराष्ट्रपति बने सीपी राधाकृष्णन….जानिए एक नजर में उनका पूरा राजनीतिक करियर

नई दिल्ली । राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सीपी राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है। वे भारत के 15वें उपराष्ट्रपति होंगे। मंगलवार को उपराष्ट्रपति चुनाव में 452 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंदी इंडी गठबंधन के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले। सीपी राधाकृष्णन तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल के रूप में अपने कर्तव्यों के अलावा राधाकृष्णन वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल भी हैं।

मंगलवार की सुबह 10 से शाम 5 बजे तक संसद भवन परिसर में मतदान और उसके बाद मतगणना हुई। नतीजे की घोषणा करते हुए राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी ने बताया कि उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए शाम 6 बजे मतगणना शुरू हुई। इस चुनाव में कुल 781 वोट थे। आज 98.2 प्रतिशत मतदान हुआ। उन्होंने बताया कि एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को प्रथम वरीयता के 452 वोट मिले। उन्हें भारत का उपराष्ट्रपति चुना गया है। विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी को प्रथम वरीयता के 300 मत मिले। उन्होंने बताया कि इस चुनाव में कुल 767 सांसदों ने वोट डाला, जिसमें 15 अमान्य पाए गए, जबकि एक सांसद ने अपने पोस्टल बैलेट का प्रयोग किया।उपराष्ट्रपति पद पर सीपी राधाकृष्णन की जीत पर सांसद प्रह्लाद जोशी के घर पर जश्न का माहौल है। सीपी राधाकृष्णन प्रह्लाद जोशी के घर पहुंच गए हैं। वहां दक्षिण भारतीय कलाकार अपने वाद्य यंत्रों के साथ मौजूद हैं। सूत्रों के अनुसार उनके घर पर प्रधानमंत्री सहित गठबंधन के कई सांसद और नेता सीपी राधाकृष्णन को बधाई देने पहुंचेंगे।

उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य कारणों से जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद देश में उपराष्ट्रपति के चुनाव कराए गए।

सीपी राधाकृष्णन के राजनीतिक सफर पर एक नजर

चंद्रपुरम पोन्नुसामी (सीपी) राधाकृष्णन का जन्म तमिलनाडु के तिरुपुर में कोंगु वेल्लालर गौंडर समुदाय में हुआ था। उन्होंने तमिलनाडु के थूथुकुडी स्थित वीओ चिदंबरम कॉलेज से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक (बीबीए) की उपाधि प्राप्त की। अपनी शैक्षणिक उपलब्धियों के अलावा, उन्होंने कॉलेज स्तर की टेबल टेनिस चैंपियनशिप जीतकर कम उम्र में ही अपनी विविध रुचियों का प्रदर्शन किया।

राधाकृष्णन ने 17 वर्ष की आयु में भारतीय जनसंघ और आरएसएस में सक्रिय रूप से भाग लेना शुरू कर दिया था। उनका लंबा राजनीतिक जीवन 1974 में शुरू हुआ जब वे जनसंघ की राज्य कार्यकारी समिति के लिए चुने गए, जो राजनीति में उनकी आधिकारिक शुरुआत थी। सीपी राधाकृष्णन 1998 और 1999 में कोयंबटूर लोकसभा सीट से चुनाव जीता। 1998 में उनकी जीत इसलिए उल्लेखनीय थी क्योंकि वे तमिलनाडु में भाजपा के तीन उम्मीदवारों में से एक थे, जब पार्टी ने अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन किया था, जो राज्य में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक मील का पत्थर था। साल 2004 में, वे संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारतीय विधायी प्रतिनिधिमंडल के सदस्य भी रहे, जहाँ उन्होंने आपदा सहायता और मानवीय समन्वय पर बात की। उन्होंने 2004 से 2007 तक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में तमिलनाडु में अपने राजनीतिक जीवन को आगे बढ़ाया। इस दौरान, उन्होंने पूरे राज्य में सामाजिक और पर्यावरणीय समस्याओं के प्रचार के लिए 19,000 किलोमीटर की 93-दिवसीय “रथ यात्रा” की।

फरवरी 2023 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राधाकृष्णन को झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया। जुलाई 2024 में वे महाराष्ट्र के राज्यपाल बने। लगभग उसी समय उन्हें तेलंगाना का राज्यपाल और पुडुचेरी का उपराज्यपाल भी नियुक्त किया गया।

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