-हमास और हिजबुल्ला ने गाजा एवं लेबनान से मिलकर इजराइल पर दागे रॉकेट
-इजराइल की मिस्र को चेतावनी, गाजा में भेजा सामान तो ट्रकों पर होगी बमबारी
यरुशलम, (हि.स.)। हमास और इजराइल के बीच चल रहा युद्ध लगातार भयावह होता जा रहा है। इजराइल ने हमला कर हमास के अर्थव्यवस्था मंत्री को मार गिराया है, वहीं गाजा पट्टी की तमाम इमारतें जमींदोज कर दी हैं। इस कारण दो लाख लोग गाजा पट्टी छोड़कर पलायन कर गए हैं। इजराइल ने मिस्र को भी चेतावनी दी है कि यदि मिस्र ने गाजा में सामान भेजा, तो ट्रकों पर बमबारी की जाएगी। इजराइल के जवाबी हमले से बौखलाए हमास ने हिजबुल्ला के साथ मिलकर गाजा व लेबनान से कई शहरों पर रॉकेट दागे हैं।
इजराइल की ओर से गाजा पट्टी पर हमलों की रफ्तार तेज कर दी गयी है। निशाना बनाकर की जा रही बमबारी से गाजा पट्टी की तमाम इमारतें ध्वस्त हो गयी हैं। इजरायली वायु सेना ने आतंकी संगठन हमास के अर्थव्यवस्था मंत्री जवाद अबू शमाला को मार गिराया है। साथ ही गाजा पट्टी में आपूर्ति बाधित करना सुनिश्चित करने के लिए इजराइल ने सभी पक्षों को साफ चेतावनी दे दी है। मिस्र से कह दिया है कि यदि गाजा में आपूर्ति पहुंचाने की कोशिश हुई तो ट्रकों पर बम चला दिए जाएंगे। जोरदार इजराइली हमले के बाद दो लाख से अधिक लोगों ने गाजा पट्टी छोड़ दी है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने कहा है कि गाजा पट्टी पर इजराइल की जवाबी कार्रवाई में 1,87,500 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। वैसे यह संख्या दो लाख से अधिक बताई दा रही है। संयुक्त राष्ट्र जांच आयोग ने कहा है कि इजराइल व गाजा में युद्ध अपराध होने के भी स्पष्ट सबूत मिले हैं।
इजराइल के लगातार हमलों के बाद हमास की ओर से फिर इजराइली शहरों पर रॉकेट दागे गए हैं। हमास को इस काम में हिजबुल्ला का भी साथ मिला है। पश्चिमी गैलिली और दक्षिणी तटीय शहर अश्कलोन में रॉकेट से हमले की खबर है। यहां लगातार रॉकेट सायरन बज रहे हैं। इजराइल पर गाजा पट्टी और लेबनान दोनों ओर से रॉकेट हमले किए जा रहे हैं। इजराइल के दक्षिणी शहर बेर्शेबा में मंगलवार को खतरे का सायरन सुनाई दिया। इस दौरान शहर की ओर कई रॉकेट दागे गए। शहर में कई विस्फोटों की आवाज भी सुनाई दी। हमास ने रॉकेट हमले की जिम्मेदारी ली है। हालांकि, फिलहाल किसी नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं है।
40 बच्चों को मार डाला
इजराइल पर हमास के हमले में आतंकवादी समूह ने कम से कम 40 बच्चों को मौत के घाट उतार दिया है। कुछ सैनिकों ने बताया कि उन्हें ऐसे बच्चे मिले जिनके सिर कटे हुए थे। पूरे परिवारों को उनके बिस्तर पर गोलियों से भून दिया गया था। अब तक लगभग 40 छोटे बच्चों के शवों को बाहर निकाला जा चुका है।