मुम्बई (ईएमएस)। भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ अपने जमाने के बेहतरीन क्रिकेटर रहे हैं। उन्हें मिस्टर भरोसेमंद कहा जाता था। खेल से संन्यास के बाद राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में भी उन्होंने नई प्रतिभाओं को निखारा पर भारतीय क्रिकेट का कोच बनने के बाद द्रविड़ वो कामयाबी हासिल नहीं कर पाये जिसकी उम्मीद थी। उनके मार्गदर्शन में भी भारतीय क्रिकेट टीम एक बार फिर आईसीसी खिताब हासिल करने में असफल रही है। विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में उसे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। टीम इंडिया की इस हार से कोच राहुल द्रविड़ की असफलता भी सबके सामने आ गई। बड़े टूर्नामेंट में कड़े फैसले लेने में हिचक के साथ ही कमजोर रणनीति भी देखी जा रही है।
हालांकि उनकी कोचिंग में अगर घरेलू धरती पर टीम इंडिया के प्रदर्शन को देखे तो वह शानदार रहा है लेकिन बाहर जाते ही टीम इंडिया पूरी तरह से फ्लाप हो रही है। पिछले डेढ़ साल में कैसा है कोच के तौर पर द्रविड़ का रिपोर्ट कार्ड खास नहीं रहा।
द्रविड़ को साल 2021 के नवंबर में टीम इंडिया का मुख्य कोच बनाया गया था। इस दौरान उनका पहले ही दौरे में टीम को दक्षिण अफ्रीका दौरे में हार मिली।द्रविड़ के कोचिंग में अगर घरेलू मैचों में टीम इंडिया के प्रदर्शन को देखें तो वह बहुत शानदार रहा है। द्रविड़ की कोचिंग में टीम इंडिया ने कुल 15 सीरीज खेली जिसमें से उसे सिर्फ एक में ही हार मिली।
वहीं अगर देश से बाहर की बात की जाए तो परिणाम ठीक इसके विपरीत रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि अगर भारतीय टीम को एकदिवसीय विश्व कप में उम्मीद के अनुसार सफलता नहीं मिलती है तो उनका कोच पद खतरे में पड़ जाएगा।