धान क्रय लक्ष्य 60 लाख मीट्रिक टन, सेमीकंडक्टर निवेश और लिंक एक्सप्रेसवे को हरी झंडी…योगी कैबिनेट में 22 प्रस्ताव मंजूर

  • – धान क्रय लक्ष्य 60 लाख मीट्रिक टन, सेमीकंडक्टर निवेश और लिंक एक्सप्रेसवे को हरी झंडी
  • – धान खरीद : कॉमन 2369, ग्रेड ए 2389 रुपये/क्विंटल
  • – मक्का खरीद : 2400 रुपये/क्विंटल, 25 जिलों में 15,000 मीट्रिक टन लक्ष्य
  • – बाजरा खरीद : 2775 रुपये/क्विंटल, 33 जिलों में 2.2 लाख मीट्रिक टन लक्ष्य
  • – ज्वार खरीद : हाईब्रिड 3699, मालदांडी 3749 रुपये/क्विंटल, 50,000 मीट्रिक टन लक्ष्य
  • – उज्ज्वला योजना : 1.86 करोड़ परिवारों को होली-दीपावली पर 2 मुफ्त सिलेंडर
  • – आगरा-लखनऊ से गंगा एक्सप्रेसवे तक 90 km का नया लिंक एक्सप्रेसवे स्वीकृत, 7488 करोड़ आएगी लागत
  • – डीएमएफ न्यास संशोधन 2025 : 70% निधि स्वास्थ्य-शिक्षा पर, राज्य पर कोई बोझ नहीं
  • – शहरी विस्तारीकरण योजना : 970 करोड़ सीड कैपिटल रामपुर-अयोध्या समेत 5 शहरों के लिए स्वीकृत
  • – 3 नई निजी यूनिवर्सिटी को अनुमति, यूपी में अब कुल 50 निजी विश्वविद्यालय होंगे
  • – छात्रवृत्ति : एससी, एसटी, ओबीसी, माइनॉरिटी के 4 लाख से अधिक छात्र होंगे लाभान्वित, डीबीटी से भेजे जाएंगे 647 करोड़ रुपए

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को लोक भवन में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में कुल 22 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर सहमति प्रदान की गई। बैठक के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री योगेंद्र उपाध्याय तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री सुनील कुमार शर्मा ने कैबिनेट के फैसलों की विस्तृत जानकारी साझा की। खन्ना ने बताया कि सभी प्रस्तावों को सर्वसम्मति से मंजूरी मिली है, जो राज्य के आर्थिक, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में नई दिशा प्रदान करेंगे।

2025-26 के लिए धान क्रय नीति की घोषणा
कृषि क्षेत्र को राहत देने वाले फैसलों ने किसानों के चेहरे पर मुस्कान बिखेर दी है। खरीफ वर्ष 2025-26 के लिए मूल्य संवर्धन योजना के अंतर्गत धान क्रय नीति की घोषणा की गई है। इसके तहत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 1 अक्टूबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश में 15 अक्टूबर 2025 से 28 फरवरी 2026 तक धान की खरीद की जाएगी। गत वर्ष कॉमन धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2300 रुपये प्रति क्विंटल था, जो इस वर्ष बढ़ाकर 2369 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। इसी प्रकार, ग्रेड ए धान के लिए पिछले वर्ष 2330 रुपये प्रति क्विंटल के मुकाबले इस वर्ष 2389 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। कुल 60 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें वर्तमान में 3100 क्रय केंद्र कार्यरत हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इनकी संख्या बढ़ाकर 700 अतिरिक्त केंद्र जोड़े जाएंगे, ताकि किसानों को अधिक सुविधा मिल सके। खन्ना ने स्पष्ट किया कि सभी क्रय केंद्रों पर नमी मापक यंत्र, इलेक्ट्रॉनिक कांटे और किसानों की अन्य सुविधाओं की पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

मक्का की खरीद के लिए 2400 रुपये प्रति क्विंटल मूल्य निर्धारित
मोटा अनाज की खरीद नीति भी मंत्रिपरिषद ने मंजूर कर ली है, जो 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर 2025 तक प्रभावी रहेगी। मक्का की खरीद के लिए 2400 रुपये प्रति क्विंटल मूल्य निर्धारित किया गया है, जो पिछले वर्ष के 2225 रुपये प्रति क्विंटल से 175 रुपये की वृद्धि दर्शाता है। मक्का की खरीद 25 जिलों में होगी, जिनमें बुलंदशहर, बदायूं, हरदोई, उन्नाव, मैनपुरी, आगरा, फिरोजाबाद, अलीगढ़, एटा, कासगंज, हाथरस, कानपुर नगर, कानपुर देहात, फर्रुखाबाद, औरैया, कन्नौज, इटावा, गोंडा, बहराइच, बलिया, सोनभद्र, जौनपुर, मीरजापुर, देवरिया और ललितपुर शामिल हैं। इसके लिए 75 क्रय केंद्र स्थापित किए जाएंगे और 15 हजार मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य है।

बाजरा की खरीद के लिए 2775 रुपये प्रति क्विंटल मूल्य तय
बाजरा की खरीद के लिए 2775 रुपये प्रति क्विंटल मूल्य तय किया गया है, जो पिछले वर्ष के 2625 रुपये से 150 रुपये अधिक है। बाजरा की खरीद 33 जिलों में होगी, जिनमें बुलंदशहर, आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, मैनपुरी, अलीगढ़, कासगंज, हाथरस, एटा, बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर, संभल, रामपुर, अमरोहा, कानपुर, कानपुर देहात, फर्रुखाबाद, औरैया, कन्नौज, इटावा, जालौन, हमीरपुर, चित्रकूट, गाजीपुर, जौनपुर, प्रयागराज, फतेहपुर, कौशाम्बी, मीरजापुर, बलिया, हरदोई और उन्नाव प्रमुख हैं। 300 क्रय केंद्रों के माध्यम से 2 लाख 20 हजार मीट्रिक टन बाजरा खरीदा जाएगा।

50 हजार मीट्रिक टन ज्वार खरीद का लक्ष्य
ज्वार की खरीद नीति में भी वृद्धि की गई है। हाईब्रिड ज्वार के लिए 3699 रुपये प्रति क्विंटल तथा मालदांडी ज्वार के लिए 3749 रुपये प्रति क्विंटल मूल्य निर्धारित किया गया है। ज्वार की खरीद 11 जनपदों में होगी, जिनमें कानपुर, कानपुर देहात, जालौन, बांदा, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर, फतेहपुर, मीरजापुर, उन्नाव और हरदोई शामिल हैं। 80 क्रय केंद्रों से 50 हजार मीट्रिक टन ज्वार खरीद का लक्ष्य रखा गया है। इन नीतियों से किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

खनन प्रभावित क्षेत्रों के समग्र विकास पर विशेष जोर
बैठक में ग्रामीण विकास और पर्यावरण संरक्षण को मजबूत बनाने वाले फैसलों पर विशेष जोर दिया गया। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) न्यास तृतीय संशोधन नियमावली 2025 को मंत्रिपरिषद ने अपना अनुमोदन दे दिया है। इस संशोधन से राज्य सरकार पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा। संशोधन के तहत जिला खनिज फाउंडेशन निधि (डीएमएफ) का 70 प्रतिशत हिस्सा प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति, पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में व्यय किया जाएगा। शेष 30 प्रतिशत निधि का उपयोग भौतिक संरचना विकास, सिंचाई सुविधाओं के विस्तार और वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों के विकास में किया जाएगा। खन्ना ने कहा कि यह कदम खनन प्रभावित क्षेत्रों के समग्र विकास को सुनिश्चित करेगा और स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाएगा।

सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में एक और बड़ा फैसला लिया गया। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत होली-दीपावली अवसर पर 1 करोड़ 86 लाख लाभार्थी परिवारों को दो नि:शुल्क एलपीजी गैस सिलेंडर प्रदान किए जाएंगे। यह निर्णय गरीब महिलाओं को राहत पहुंचाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

न्यायिक क्षेत्र में भी राहत मिली है। मा. उच्चतम न्यायालय में दायर अपील ‘प्रेमलता बनाम उत्तर प्रदेश सरकार’ पर फैसले के अनुपालन में मृतक आश्रित योजना को संशोधित किया गया है। अब मृतक कर्मचारी के आश्रित को उसी कैडर में नौकरी का अवसर मिलेगा, सिवाय लोक सेवा आयोग की परिधि में आने वाले पदों के।

नये लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण को मंजूरी
बुनियादी ढांचे के विकास को गति देने के लिए आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से गंगा एक्सप्रेसवे तक लिंक एक्सप्रेसवे (ग्रीनफील्ड) के निर्माण को मंजूरी दी गई है। यह 90 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे इटावा से शुरू होकर फर्रुखाबाद के रास्ते हरदोई में गंगा एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा। परियोजना की अनुमानित लागत 7488.74 करोड़ रुपये है। निर्माण कार्य 548 दिनों में पूरा करने का लक्ष्य है, और निर्माण करने वाली संस्था को 5 वर्ष तक रखरखाव की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। यह परियोजना यातायात को सुगम बनाएगी और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी।

नये शहर प्रोत्साहन के लिए 970 करोड़ रुपए की मिलेगी पहली किस्त
शहरी विकास को प्रोत्साहन देने वाली मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण एवं नये शहर प्रोत्साहन योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 में 3 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। अब तक 1832.51 करोड़ रुपये स्वीकृत हो चुके हैं, जिसमें से 970 करोड़ रुपये की पहली किस्त रामपुर, अयोध्या, लखनऊ, बागपत और बड़ौत जैसे नये शहरों के लिए सीड कैपिटल के रूप में जारी की जाएगी। इससे इन शहरों का समुचित विकास सुनिश्चित होगा।

छात्रवृत्ति को स्वीकृति
शिक्षा क्षेत्र में पिछड़े छात्रों को राहत देते हुए वर्ष 2024-25 में विभिन्न कारणों से वंचित रह गए छात्रों के लिए छात्रवृत्ति पोर्टल दोबारा खोला जाएगा। इसके लिए 647.38 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है, जो डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से हस्तांतरित होगी। लाभार्थियों में अनुसूचित जाति (एससी) के 1 लाख, अनुसूचित जनजाति (एसटी) के 662, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के 1 लाख 35 हजार तथा अल्पसंख्यक समुदाय के 2 लाख 52 हजार 882 छात्र शामिल हैं।

संत कबीर टेक्सटाइल एवं अपैरल पार्क योजना
रोजगार सृजन को बढ़ावा देने वाली संत कबीर टेक्सटाइल एवं अपैरल पार्क योजना को भी मंत्रिपरिषद ने अनुमोदित कर दिया है। प्रत्येक पार्क के लिए 50 एकड़ भूमि आवंटित की जाएगी, जिससे प्रति पार्क 1500 से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। यह योजना टेक्सटाइल उद्योग को मजबूत बनाएगी।

तीन निजी विश्वविद्यालयों को अनुमति
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा का प्रमुख केंद्र बन रहा है। बैठक में तीन निजी विश्वविद्यालयों को आशय पत्र प्रदान किया गया है। इनमें ठाकुर युवराज सिंह विश्वविद्यालय, फतेहपुर (प्रायोजक संस्था: एंग्लो संस्कृत कॉलेज), गांधी विश्वविद्यालय, झांसी (प्रायोजक संस्था: संत मां कर्मा मानव संवर्धन ट्रस्ट) तथा राधा गोविंद विश्वविद्यालय, चदौसी (प्रायोजक संस्था: सोलन एजुकेशन सोसाइटी) शामिल हैं। उपाध्याय ने बताया कि इससे उत्तर प्रदेश में निजी विश्वविद्यालयों की संख्या लगभग 50 हो गई है। पिछले तीन वर्षों में 5 सरकारी विश्वविद्यालय स्थापित हो चुके हैं, जिससे हर मंडल में एक सरकारी विश्वविद्यालय का संकल्प पूरा हो गया है। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र में भी गुणवत्तापूर्ण विश्वविद्यालय स्थापित हो रहे हैं, जो राज्य को शिक्षा हब बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।

उत्तर प्रदेश में सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ावा
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश सेमीकंडक्टर नीति 2024 के तहत मेसर्स वामासुंदरी इन्वेस्टमेंट्स (दिल्ली) प्राइवेट लिमिटेड को सेमीकंडक्टर परियोजना की स्थापना के लिए संशोधित लेटर ऑफ कम्फर्ट जारी किया गया है। इस परियोजना में 2706.12 करोड़ रुपये के निवेश को केंद्र और राज्य सरकार ने स्वीकृति प्रदान की है। यह परियोजना उत्तर प्रदेश में सेमीकंडक्टर इकाई की स्थापना को बढ़ावा देगी, जिससे भारत को सेमीकंडक्टर उत्पादों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठेगा। साथ ही, यह परियोजना 3780 युवाओं के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित करेगी, जिससे राज्य की आर्थिक प्रगति को और गति मिलेगी।

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