छड़ी यात्रा से होगा तीर्थ स्थलों का विकास-श्रीमहंत रविन्द्रपुरी
हरिद्वार, 20 अक्टूबर। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा द्वारा निकाली जा रही प्राचीन पवित्र छड़ी यात्रा का मां मनसा देवी मंदिर पहुंचने पर मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज के सानिध्य में स्वागत किया गया। इसके बाद मंदिर में वेद मंत्रोच्चार के साथ छड़ी का विधि विधान के साथ पूजन हुआ। मंदिर में श्रद्धालुओं ने भी पवित्र छड़ी के दर्शन किये। छड़ी यात्रा में शामिल संतों का भी फूल मालाओं से स्वागत किया गया।
पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि राजसत्ता की तरह ही धर्मसत्ता भी सनातन धर्म को फैलाने का कार्य करती है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करने के साथ ही धर्म को मजबूती प्रदान करने में प्राचीन पवित्र छड़ी यात्रा का अहम योगदान रहेगा। यात्रा के माध्यम से तीर्थ स्थलों को विकसित कर वहां सनातन धर्मावलंबियों को आकृष्ट किया जाएगा। आनंद पीठाधीश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने कहा कि पवित्र छड़ी यात्रा प्राचीन काल से निकलती आ रही है। जीर्ण शीर्ण तीर्थ स्थलों का विकास कर सनातन धर्मावलंबियों को वहां तक पहुंचने का सुगम मार्ग बनाना पवित्र छड़ी यात्रा का उद्देश्य है। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि पवित्र छड़ी के माध्यम से सनातन धर्म का प्रचार प्रसार किया जा रहा है। छड़ी यात्रा से तीर्थ स्थलों में बढ़ोतरी होगी। छड़ी यात्रा का उद्देश्य उत्तराखंड में उपेक्षित तीर्थ स्थलों को विकसित कर उनका संवर्धन और संरक्षण करना है। जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरी गिरी महाराज ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि में पांच हजार से ज्यादा तीर्थ स्थल जीर्ण शीर्ण एवं उपेक्षित हैं। छड़ी यात्रा द्वारा तीर्थ स्थलों को विकसित करने का कार्य किया जाएगा। इस अवसर पर आनंद अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि अखाड़ा परिषद महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि, श्रीमहंत प्रेम गिरी, ट्रस्टी अनिल शर्मा, सुरेश तिवारी, गणेश शर्मा, अमर नाथ मिश्रा, मुन्ना पंडित, प्रसून दुबे, संतोष दीक्षित, धीरज गोस्वामी, सचिन अग्रवाल, प्रतीक सूरी आदि उपस्थित थे।