निर्माणाधीन मकान बना मौत का जाल, लेंटर गिरते ही दो मजदूरों की गई जान

 
 
0 मामला कन्नौज जिले के सदर कोतवाली के उत्तिमापुर पट्टी गांव का।
0 निर्माणाधीन लेंटर की ढलाई करते समय हुये हादसे में घायल तीसरे मजदूर का चल रहा उपचार।
*पूर्व सभा विधायक कल्याण सिंह दोहरे मटर परिवारों से मिल हर संभव मदद का दिया भरोसा।
*देर रात सदर एसडीएम नवनीता राय ने पहुंचकर की सरकार द्वारा आर्थिक घोषणा

कन्नौज : निर्माणाधीन मकान का लेंटर गिरने से मलवे में दबकर दी मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि इनका एक अन्य मजदूर साथी गंभीर रूप से घायल हो गया। जिस समय हादसा हुआ उस समय लेंटर की ढलाई का कार्य चल रहा था। हादसे की खबर पर कोहराम मच गया। सदर कोतवाली कन्नौज क्षेत्र के गांव उत्तिमापुर पट्टी गांव में उपरोक्त हादसा हुआ।


बताते चलें कि गांव के निवासी अजय कुमार के मकान का निर्माण कार्य बीते 15 दिनों से चल रहा है। रविवार को शाम 4 बजे के करीब लेंटर डालने और ढलाई का कार्य चल रहा था। इस कार्य में अनौगी खेड़ा गांव निवासी श्यामजीत और भवानीपुर अनौगी गांव निवासी ज्ञानेंद्र दोहरे के अलावा करीब 15 अन्य मजदूर लगे हुए थे। सुबह शटरिंग के कार्य के बाद जब शाम को ढलाई का कार्य शुरू हुआ सुबह शटरिंग के कार्य के बाद जब शाम को ढलाई का कार्य शुरू हुआ, इसी दौरान शटरिंग सहित निर्माणाधीन लेंटर का एक बड़ा हिस्सा मलबे के रूप में ढह गया। लेंटर ढहने की खबर पर जहां काम कर रहे मजदूरों सहित गांव के लोगों में हड़कंप मच गया वहीं लोग बचाव कार्य हेतु मदद को दौड़ पड़े। कड़ी मशक्कत के बाद मलवे में दबे श्यामजीत और ज्ञानेंद्र के अलावा टिल्लू दोहरे को उपचार के लिये अस्पताल के जाया गया। यहां उपचार के दौरान डाक्टरों ने श्यामजीत और ज्ञानेंद्र की मौत की पुष्टि कर दी, जबकि टिल्लू का उपचार जारी था।घटना की जानकारी पर मृतक मजदूरों के परिजनों में कोहराम मच गया।परिजनों के रोने बिलखने का सिलसिला जारी था।घटना को लेकर अन्य मजदूरों ने बताया कि, जब लेंटर पर मशाला डालने का कार्य किया जा रहा था तभी बीच की बल्ली टूट गई। उपरोक्त तीन लोग तो नीचे मलवे के साथ गिर गये, जबकि अन्य करीब एक दर्जन के करीब मजदूर ऊपर से नीचे कूद गए, जिस कारण उनकी जान बच गई, लेकिन उनके दो अन्य उपरोक्त मजदूर साथियों की मौत हो गई जबकि तीसरे साथी का उपचार चल रहा है।मामले की जानकारी पाकर पुलिस बल मौके पर पहुंचा। इस बीच पीड़ित परिजन और मजदूर मृतकों के शवों को उठने नहीं दे रहे थे। उनकी मांग थी कि 50 लाख रुपए की मदद और 5 बीघा जमीन सहायता स्वरूप मृतकों के परिजनों को दी जाय।अधिकारियों द्वारा समझाये बुझाये जाने के बाद मामला शांत हो सका, जिसके बाद मृतक मजदूरों के शवों को पुलिस ने पोस्टमार्टम हेतु भेजा है।फिलहाल देर सायं तक मजदूरों और मृतकों के परिजनों की मुआवजे की मांग जारी थी।

दोनों परिवारों को कृषक दुर्घटना बीमा के अंतर्गत ₹4 लख रुपए सीधे खाते में डाले जाएंगे आएंगे

देर रात तिर्वा पट्टी में पहुंचकर सदर एसडीएम नवनीता राय द्वारा मृतक के परिवारों को दैबीये आपदा के अंतर्गत 24 घंटे के अंदर चार-चार लाख रुपए उनके खाते में जमा कराए जाएंगे। साथ ही जांच कराकर मुख्यमंत्री।कृषक दुर्घटना में अगर पात्र पाए जाते तो उनको इस योजना का लाभ मिलेगा।

दोनों परिवारों के दो -दो बच्चों को शिक्षा के लिए ढाई -ढाई हजार रुपए 18 साल होने तक दिये जायेंगे ।

दोनों परिवारों के दो – दो बच्चों को ढाई हजार रुपए प्रतिमा 18 वर्ष तक होने तक शिक्षा के लिए दिए जाएंगे। वीडियो से जांच कराकर अगर पात्र पाए जाते तो मुफ्त आवास दिए जाएंगे। पट्टा देने की अभी कोई आश्वासन नहीं दिया जा सकता है अगर यह पात्र पाए जाते तो इनको पट्टे देने का कार्य किया जाएगा।घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।जानकारी के अनुसार कोई भी सीरियस नहीं है।

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