
नोबेल शांति पुरस्कार 2025 का ऐलान नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में किया गया। इस बार कुल 338 उम्मीदवारों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम सबसे अधिक चर्चा में था। ट्रंप ने खुद कई बार नोबेल पुरस्कार पाने की इच्छा जताई थी और दावा किया था कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान समेत सात युद्ध रोकने में योगदान दिया।
हालांकि इस बार ट्रंप का सपना पूरा नहीं हुआ और नोबेल शांति पुरस्कार वेनेजुएला की मारिया कोरीना मचाडो को दिया गया। मचाडो को यह सम्मान वेनेजुएला में लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने और तानाशाही से शांतिपूर्ण लोकतंत्र की दिशा में संघर्ष करने के लिए मिला।
मारिया कोरीना मचाडो के बारे में
मारिया कोरीना मचाडो का जन्म 7 अक्टूबर 1967 को वेनेजुएला की राजधानी कराकस में हुआ था। उन्होंने एंड्रेस बेलो कैथोलिक यूनिवर्सिटी से औद्योगिक इंजीनियरिंग में पढ़ाई की और इंस्टिट्यूटो डी एस्टुडीओस सुपीरियोर्स दे एडमिनिस्ट्रासियन से वित्त में ग्रेजुएशन किया।
ट्रंप को 8 देशों ने किया था नॉमिनेट
डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल पुरस्कार के लिए 8 देशों ने नॉमिनेट किया था, जिनमें पाकिस्तान, इज़राइल, अमेरिका, आर्मेनिया, अजरबैजान, माल्टा और कंबोडिया शामिल हैं। नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकन हर साल 1 फरवरी से शुरू होता है और उसी दिन तक मिले नाम ही मान्य होते हैं। इस बार 2025 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 31 जनवरी 2025 थी।