विकासनगर। ग्राम पंचायत जीवनगढ़ में दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे के किनारे स्थित ग्राम पंचायत की भूमि पर स्थित पंचायती दुकानों को तोड़े जाने के मामले में उप जिलाधिकारी सौरव असवाल ने क्षेत्रीय लेखपाल को जांच के निर्देश दिए हैं। उनका कहना है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही की जाएगी। वहीं मामले में ग्राम प्रधान की भूमिका भी हैरान करने वाली है।
पंचायती भूमि पर कब्जा करने और पंचायती दुकानें तोड़े जाने के बावजूद अभी तक प्रधान सामने नहीं आया है। ना ही उन्होंने अपना पक्ष रखा है। उप जिलाधिकारी ने कहा कि यदि वास्तव में ग्राम समाज की भूमि पर खड़ी दुकानों को तोड़ा गया है, तो ग्राम प्रधान की जिम्मेदारी बनती है कि वह संबंधित लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए। बता दें कि उपप्रधान आसिफ अली और अन्य ग्राम पंचायत सदस्यों ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर मामले में कार्रवाई की मांग की है। उपप्रधान का कहना है कि भूमि और दुकानें ग्राम पंचायत की हैं, लेकिन अब कुछ माफिया उन्हें अपनी बता रहे हैं। भूमाफिया ने दबंगई दिखाते हुए बिना शासन प्रशासन की अनुमति और ग्राम सभा को विश्वास में लिए बिना ही दुकानों को तोड़ दिया है, जो कि कानूनी अपराध है। भूमाफिया दुकानों के पीछे स्थित पुरानें पंचायती भवन को भी ढहाना चाहते हैं। जिसमें वर्तमान में पशुधन सेवा केंद्र संचालित हो रहा है। आरोप है कि भूमाफिया भूमि पर होटल बनाकर मोटी चांदी काटना चाहता है।
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