अक्सर ऐसा देखा जाता है की अगर हम अपने आस पास किसी मोटे इंसान को देख लें तो लोग उसका मज़ाक बनाने से बाज़ नहीं आते। स्कूल ,कॉलेज, घर हर जगह मोटे लोगों का सिर्फ मज़ाक ही बनता है। इसी मज़ाक बनने से बचने के लिए अक्सर आपने देखा होगा की खासकरके लडकियां डाइटिंग और जिम जाना शुरू कर देती है। जिम जाने तक तो ठीक है लेकिन जब बात डाइटिंग की आती है तो इससे करने से पहले एक बार सोच लेना चाहिए क्यूंकि आज हम आपको एक ऐसी लड़की के बार में बताने जा रहें हैं जिसने डाइटिंग की और अब ऐसी हो गई है की आप देख के भी डर जाएंगे।
दरअसल ये लड़की न्यूयोर्क की रहने वाली स्टेफनी रोड्स है। स्टेफनी जब महज 13 साल की थी तभी से उसने डाइटिंग करना शुरू कर दिया था, इसके पीछे कारण ये था की 13 साल की छोटी उम्र में स्टेफनी काफी मोटी हुआ करती थी और इस वजह से आये दिन स्कूल में बच्चे उकसा मज़ाक उड़ाया के थे। मज़ाक एक पात्र बनने से बचने के लिए स्टेफनी ने 13 साल की उम्र से ही डाइटिंग करनी शुरू कर दी थी। उसकी हालत ऐसी होगयी थी की उसने खाना खाना ही छोड़ दिया था। शुरुवात में उम्र कम होने की वजह से और उपयुक्त जानकारी ना होने की वजह से स्टेफनी ने डाइटिंग शुरू तो कर दी लेकिन स्टेफनी ने उस वक़्त अंदाजा भी नहीं लगाया होगा की आगे जाकर उसका शरीर बीमारियों का घर बन जायेगा।
स्टेफनी ने जब महज 13 साल की उम्र से ही खाना खाने की आदत छोड़ दी थी जिस वजह से 17 साल की उम्र के होते होते उसकी हालत ऐसी हो गयी थी उसके घरवालों को उसे डॉक्टर के पास ले जाने की नौबत आगयी। जबकि स्टेफनी खुद डॉक्टर के पास नहीं जाना चाहती, वो खुद को हमेशा पतला ही देखना चाहती थी। इसका नतीजा ये हुआ की 23 साल की उम्र तक आते आते स्टेफनी का वजन घटकर सिर्फ 24 किलो रह गया था।
खुद को मोटा ना होने देने की जिद ने स्टेफनी को मौत के दरवाज़े तक पंहुचा दिया था। स्टेफनी एनोरेक्सिया नाम की बीमारी से ग्रसित हो गयी थी जिसमे अक्सर ये होता है की लोग इस डर से खाना खाना छोड़ देते हैं की कहीं वो मोटे ना हो जाए। स्टेफनी इस समय एक रेहाब सेंटर में है जहाँ उसका इलाज चल रहा है और अभी उसके हालत में पहले से सुधार भी देखा जा रहा है।