पति की अस्थियां लेने पहुंची पत्नी, जो दिखा वो था होश उड़ाने वाला

आज हम आपको एक ऐसी खबर से रूबरू करवाने वाले है, जिसके बारे में जान कर आपके होश ही उड़ जायेंगे. जी हां आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ये खबर एक ऐसी महिला के बारे में है, जो अपने पति की अस्थियां इकट्ठी करने के लिए गई थी. मगर तभी उसे वहां कुछ ऐसा दिख गया, जिसे देख कर उसके होश ही उड़ गए. गौरतलब है कि केवल महिला ही नहीं बल्कि वहां मौजूद लोगो की ऑंखें भी फ़टी की फ़टी रह गई. ये मामला चंडीगढ़ का है.

नीरू कपूर अपने पति की अस्थियां लेने वहां के शमशान पहुंची थीं. मगर जिस लॉकर में उन्होंने महिला के पति की अस्थिया रखी थी, जब उसे खोल कर देखा गया तो वह दंग रह गई. दरअसल नीरू ने शमशान घाट के सभी पंडितो से बात करके उन्हें ये बताया कि उनके पति सुरेश कपूर की अस्थियां लॉकर नंबर चौदह में रखी हुई थी, लेकिन जब उन्होंने वो लॉकर खोल कर देखा तो अस्थियां वहां से गायब थी. हालांकि इस दौरान हर किसी ने महिला को अलग अलग तरीके से समझाया, लेकिन उनमे से कोई भी महिला को संतोष जनक जवाब नहीं दे पाया.

जिसके चलते नीरू कपूर ने सेक्टर चौबीस पुलिस से अपने पति की अस्थियां गायब होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई. ऐसे में पुलिस थाने के इंचार्ज एसआई रोहताश कुमार ने शमशान घाट के पंडितो के साथ साथ सभी लोगो से भी पूछताछ की. इसके साथ ही उन्होंने उस रजिस्टर की भी जाँच की, जिसमे अस्थियां ले जाने वाले लोगो का नाम दर्ज किया जाता है. इसी दौरान पता चला कि डड्डूमाजरा कालोनी के रहने वाले एक बैंक के अस्सिटेंट मैनेजर नन्द किशोर बीती चार तारीख को लॉकर नंबर चौदह से अस्थियां लेकर गए है. हालांकि अभी वो शहर से बाहर है. जिसके चलते पुलिस ने उनके भाई चतर सेन से इस बारे में काफी पूछताछ की. जिसके बाद नन्द किशोर के भाई ने बताया कि उसकी ताई उसके साथ उसके घर में रहती थी.

ऐसे में वो उस लॉकर से अपने ताई की अस्थियां निकाल कर उन्हें प्रवाहित करने के लिए गए है. इसके इलावा पुलिस का कहना है कि नन्द किशोर ने जब बीती चार तारीख को चौदह नंबर लॉकर को चाबी लगाई तो उसका ताला खुल गया था और इसकी जाँच खुद पुलिस ने की है. जिसके तहत अब वो उन अस्थियो को प्रवाहित करने के लिए गया है. मगर वही दसूरी तरफ नीरू कपूर का कहना है कि उन्होंने भी अपने पति की अस्थियां इसी लॉकर में रखी थी. फिर ऐसा कैसे हो सकता है.

ऐसे में इसे नगर निगम की लापरवाही ही समझा जा रहा है, क्यूकि नगर निगम के अधीन शमशान घाट में लॉकर में अस्थियां रखने वाले लोगो की रजिस्टर में एंट्री ही नहीं की जाती और काफी समय से यही सब चल रहा है. वही शमशान घाट पर जो चार पंडित होते है, वो भी केवल संस्कार विधि ही पूर्ण करवाते है. फ़िलहाल इस मामले की जाँच चल रही है और जो लोग लॉकर नंबर तेरह से अस्थियां लेकर गए है, अभी उनसे भी पूछताछ की जाएगी.

बरहलाल हम दुआ करते है कि नीरू कपूर को उनके पति की अस्थियां जल्द से जल्द मिल जाएँ, ताकि उनकी आत्मा को शांति मिल सके

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