पहलगाम हमला : आतंकियों की साजिश का रूट ट्रेस, बैसरन में मिली मौजूदगी के सबूत

जम्मू । पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर लगातार जांच एजेंसियां काम कर रहीं हैं। इस मामले में गुनहगारों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। एनआईए की जांच में यह पुष्टि हुई है कि पहलगाम नरसंहार में शामिल आतंकी पाकिस्तानी मूल के थे। केंद्रीय एजेंसियां अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि ये आतंकी हमले की जगह तक पहुंचने से पहले कौन सा रास्ता लिया था। जांच में शामिल एक सीनियर अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि एक पाकिस्तानी नागरिक सुनलेमान पहलगाम अटैक में शामिल था। केंद्रीय एजेंसियों ने पहले डिजिटल फुटप्रिंट्स के माध्यम से एक आतंकी समूह की गतिविधियों का पता लगाया है और वे एक विशेष संचार प्रणाली का उपयोग कर रहे हैं जिसे इंटरसेप्ट करना मुश्किल है। अधिकारी ने कहा कि यह बात सही है कि सड़क मार्ग लंबे होते हैं मगर पहाड़ी इलाकों के माध्यम से दूरी को 60 से 70 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।

सूत्रों के अनुसार, ये आतंकी बहुत ट्रेन्ड थे और जम्मू-कश्मीर में स्पाइनर अटैक सहित कई हमलों में शामिल हो सकते हैं। आतंकियों की ट्रेनिंग में एडवांस्ड कॉम्बैट स्किल्स यानी उन्नत युद्ध कौशल, छिपने की तकनीकें और सर्वाइवल्स यानी जिंदा बचे रहने की रणनीतियां शामिल थीं। एक सूत्र ने कहा कि विश्वसनीय जानकारी है कि आतंकियों का सफर एबटाबाद से शुरू हुआ था। एबटाबाद से एक खास रूट शुरू हुआ। इसके बाद ये आतंकी मुजफ्फराबाद की ओर बढ़े और फिर संभवत पूंछ और राजौरी मार्ग के जरिए भारत में घुसपैठ की।

विभिन्न खुफिया एजेंसियों ने इस रूट की रिपोर्ट दी है। यहां बताना जरूरी है कि एबटाबाद पाकिस्तानी सशस्त्र बलों की कई अकादमियों की मेजबानी के लिए जाना जाता है। सूत्रों ने कहा कि ये आतंकी लंबे समय से इस क्षेत्र में हो सकते हैं और अन्य आतंकी समूहों के साथ मिलकर अन्य हमलों में शामिल हो सकते हैं। एनआईए अब पिछले साल हुई आतंकी घटनाओं सहित पिछली घटनाओं से उनके संभावित संबंधों की जांच कर रही है। हालांकि, ये आतंकी भारतीय क्षेत्र में कब घुसे, इसके सटीक समय-सीमा का पता नहीं चला पाया है। जांच एजेंसियां ​​आतंकवादियों की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए डिजिटल फूटप्रिंट्स यानी पदचिह्नों का विश्लेषण कर रही हैं। यह एक ऐसा तरीका है, जिससे अतीत में अहम सुराग मिले हैं। जांचकर्ताओं का मानना ​​है कि ये आतंकी जम्मू में कई स्थानों पर रुके थे।

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