
सीएम योगी ने ठान लिया है कि सूबे के अंदर किसी भी माफिया और अपराधी के लिए कोई भी जगह नहीं है. पिछली सरकारों में जिन माफियाओं को भरपूर संरक्षण मिला था. और उन्होनें सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करके लंबी चौड़ी इमरातें खड़ी की थी. अब उन पर लगभग हर रोज योगी सरकार का बुलडोजर गरज रहा है. इन माफियाओं में ऐसे कई वो लोग भी शमिल हैं जो किसी दूसरे राज्य या किसी अन्य देश से यूपी में आकर अवैध किले खड़े करने में लगे हुए थे. जिनपर पिछली सरकारों ने एक्शन लेने के बजाय पनाह देने का ही काम किया. मगर योगी सरकार ऐसे माफियाओं को किसी भी कीमत पर बख्शने के मूड़ में नहीं है. इसी बीच पाकिस्तान से उत्तर प्रदेश आए एक बड़े माफिया पर प्रशासन ने तगड़ा कार्रवाई की है.
दरअसल उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में प्रशासन की टीम ने वन विभाग की 100 बीघा जमीन पर बनी मजार पर बुलडोजर चलवाकर नेस्तनाबूत करा दिया. परिसर में बनी इस मजार की रसोई और शौचालय समेत 50 कमरों को प्रशासन ने जीसीबी मशीन से तुड़वा दिया है. ध्वस्तीकरण की ये कार्रवाई 11 नवम्बर से जारी है. जानकारी के मुताबिक पीर खुशहाल नाम का एक शख्स 1964 में पाकिस्तान से भारत आया था. जहां उसने मुजफ्फरनगर में एक बड़ी दरगाह बना ली थी. उस दरगाह में उसने धीरे धीरे तमाम स्थायी निर्माण भी बना डाले. स्थानीय लोग लंबे समय से इस दरगाह को शक की निगाह से देखते रहे हैं.. यहां संदिग्ध गतिविधियों की समय समय पर शिकायते भी की जाती रही थी. जिस पर अब प्रशासन ने एक्शन ले लिया है.
दरअसल मुजफ्फरनगर के गांव बिहारगढ़ में एक नवंबर 1975 को 6. 63 हेक्टेयर वन विभाग की जमीन सूफी मोहम्मद खुशहाल पुत्र बहादुर खान ने 30 साल के लिए लीज पर ली थी. जमीन के आवंटन का समय 31 अक्तूबर 2005 को पूरा हो चुका है. उसके बाद भी पीर खुशहाल का परिवार इस जमीन पर काबिज रहा. और इस लीज की समयावधि बढ़ाने के लिए मोहम्मद खुशहाल का परिवार कोर्ट पहुच गया. लेकिन कोर्ट ने और समय देने से इनकार कर दिया. उधर केंद्रीय पशुधन राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान ने इस मामले में डीएम को पत्र लिखकर सरकारी जमीन खाली कराने के लिए कहा. इसके बाद प्रशासन ने जमीन खाली कराने की प्रक्रिया शुरू की. और इसी साल अगस्त महीने में इस जमीन को खाली कराने के लिए प्रशासन ने नोटिस चस्पा कर दिया. जिसके बाद प्रशासन के अफसर 11 नबंवर को इस अवैध कब्जे को हटवाने के लिए लाव लश्कर के साथ पहुंचे. इस दौरान मोहम्मद खुशहाल की पत्नी नाजिया अफरीदी ने इस कार्रवाई का विरोध किया. लेकिन प्रशासन ने बुलडोजर चलवाकर अवैध कब्जे को हटवा दिया. दरअसल 1964 में पाकिस्तान से भारत आए पीर खुशहाल का 2017 में निधन हो गया था, उसके देश-विदेश में काफी अनुयायी हैं.
बताया जाता है सपा शासन काल मे इस मजार को विशेष संरक्षण मिलता रहा है. यहीं से मंत्री रहे एक मुस्लिम नेता की इस दरगाह पर विशेष कृपा रही है. कहा जाता है कि यहां अवैध कामों से होती रही काली कमाई का मोटा हिस्सा तत्कालीन सरकार को लगातार पहुचाया जाता रहा है. तभी इस दरगाह के खिलाफ कभी कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया. जबकि स्थानीय लोग इस दरगाह की संदिग्धता को लेकर आये दिन शिकायते करते आए हैं.मगर अब मुजफ्फर नगर जिला प्रशासन ने सालों से वन विभाग की जमीन पर कब्जा किए हुए पीर खुशहाल के अवैध दरगाह को जमींदोज करा दिया है.