पीलीभीत : फुटकर दुकानदारों को ओवररेटिंग और टैगिंग के आरोप में दो लाइंसेंस निलंबित

एक सप्ताह में संतोष जनक जवाब न मिलने पर एफआईआर की चेतावनी

ज्योति फर्टीलाइजर के संचालक ने डीएम से की थी शिकायत

पीलीभीत।यूरिया की किल्लत से जूझ रहे किसानों के साथ अब मध्यम वर्गीय दुकानदार भी शोषण का शिकार हो रहे हैं।एजेंट मनमानी सौदेबाजी के बाद ही इन दुकानदारों को यूरिया की आपूर्ति कर रहे हैं।यूरिया के साथ अन्य नकली सामानों की टैगिंग में आनाकानी पर यूरिया नहीं दी जा रही है। दुकानदारों की शिकायत के बाद जिला कृषि अधिकारी ने दो उर्वरक विक्रेताओं के लाइसेंस निलंबित कर दिए। कार्रवाई को लेकर खलबली मची हुई है।

मझोला की ज्योति फर्टिलाइजर्स के संचालक राम औतार अग्रवाल ने 21 जुलाई को जिलाधिकारी को दिए गए पत्र में बीसलपुर स्थित ज्वाला सरन जगदीश सरन फर्म पर गंभीर आरोप लगाए थे। संचालक ने 24 जून को फर्म मालिक अपूर्व अग्रवाल से यूरिया की मांग की।आरोप है कि अपूर्व अग्रवाल ने यूरिया 260 रुपये (Ex-बरेली) में देने की बात कही, लेकिन इसके साथ 55 हजार रुपये का अन्य माल (जिंक, जाइम आदि) खरीदने का दबाव बनाया।आरोप था कि यह सामान बाजार दर से लगभग दुगने दाम पर देने की बात कही गई।संचालक का कहना है कि मझोला तक भाड़ा जोड़ने के बाद यूरिया करीब 280 रुपये प्रति बोरी पड़ रही है।जबकि शासन द्वारा निर्धारित अधिकतम दर 266 रुपये (लोडिंग सहित 270 रुपये) है। आपत्ति करने पर यूरिया देने से मना कर दिया।

जबकि फर्म के पास यूरिया उपलब्ध थी।स्टाक की गई यूरिया को ब्लैक मार्केट रेट पर, टैगिंग के साथ, अन्य रिटेलरों को बेचा गया।आरोप लगाया था कि यूरिया न मिलने से उनकी मझोला की दुकान बंद होने की कगार पर है।किसानों को खाद की भारी किल्लत झेलनी पड़ रही है। शिकायतकर्ता ने फर्म के खिलाफ कालाबाजारी का मुकदमा दर्ज करने और लाइसेंस रद्द करने की मांग की थी।साक्ष्य के तौर पर कॉल रिकॉर्डिंग भी उपलब्ध कराई गई थी।

जिला कृषि अधिकारी को व्हाट्सएप पर प्राप्त हुई एक अन्य शिकायत में आरोप था कि फुटकर विक्रेताओं को यूरिया और डीएपी के निर्धारित मूल्य से बीस से पच्चीस रुपये ओवर रेटिंग की जा रही है।विरोध पर उर्वरक देने से मना किया जा रहा है।शनिवार जिला कृषि अधिकारी नरेंद्र कुमार ने बीसलपुर की मैं. ज्वाला सरन जगदीश सरन(थोक उर्वरक विक्रेता) और पीलीभीत के मैं.शंकर खाद भंण्डार का लाइसेंस निलंबित कर कर दिया। स्पष्टीकरण तलब कर एक सप्ताह के अंदर साक्ष्य प्रस्तुत न करने पर मुकदमा दर्ज कराने की चेतावनी दी गई है। कार्रवाई से उर्वरक के थोक विक्रेताओं में खलबली मची हुई है।

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