
प्रयागराज। 24 फरवरी को हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद माफिया अतीक अहमद और उसके परिवार पर प्रशासन ने अपना शिकंजा कसना शुरू किया। अब अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ का आइएसआइ से कनेक्शन की बात सामने आ रही है। पुलिस ने अनुसार, अतीक ने कस्टडी में आइएसआइ से कनेक्शन की बात कबूल की थी।
पुलिस के हाथ एक पत्र लगा है जो अतीक और अशरफ के आतंक कनेक्शन को पुख्ता करता है। जनवरी 2017 में माफिया के भाई अशरफ ने पासपोर्ट अधिकारी को पत्र लिखकर जीशान कमर का पासपोर्ट बनाने का अनुमोदन की बात लिखी थी। जीशान को पाकिस्तान में हथियार चलाने और प्रयागराज में रहकर आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग दी गई थी। ट्रेनिंग के बाद वह कुछ साथियों के साथ लखनऊ के रास्ते हथियारों को प्रयागराज ले आया और नैनी स्थित पोल्ट्री फार्म में छिपा दिया था। वह ऑनलाइन खजूर बेचने के बहाने आतंकी गतिविधियों को संचालित कर रहा था।
लेडी डान के सर्च अभियान में कई जगह दबिश
प्रयागराज। उमेश पाल हत्याकांड में फरार शाइस्ता परवीन का कुछ पता नहीं चल रहा है। पुलिस अब उस पर इनाम बढ़ाने की तैयारी में है। शाइस्ता की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दी जा रही है। सोमवार की रात और मंगलवार को दिन में भी प्रयागराज से लेकर कौशाम्बी तक खोजबीन होती रही।
उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस की विवेचना में सामने आया था कि अतीक के जेल में रहते हुए शाइस्ता ने गिरोह की कमान संभाल ली थी। उसी की देखरेख में ही उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम दिया गया। उसने न सिर्फ शूटरों को पैसे दिए बल्कि असद के माध्यम से सभी को दो दो आईफोन भी दिया था। हत्या के बाद से लगातार शाइस्ता को खोजा जा रहा है लेकिन पुलिस अब तक उसे नहीं पकड़ पाई है। अतीक और अशरफ की हत्या के बाद पुलिस ने कई इलाकों में दबिश दी। कई रिश्तेदारों का पकड़ा गया लेकिन शाइस्ता पकड़ में नहीं आई। अब पुलिस ने उस पर इनाम बढ़ाने की कवायद शुरू कर दी है। शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी। उधर सोमवार की रात और आज मंगलवार को दिन में नीवा, असरौली, हटवा, पूरामुफ्ती, बेली, फाफामऊ और नवाबगंज के कछारी इलाकों में शाइस्ता की खोजबीन में दबिश दी गई।














