पुतिन की सुरक्षा टीम का रहस्य: दुनिया के सबसे सुरक्षित नेता की हिफाजत कैसे होती है

रूसी राष्ट्रपति पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के बीच अलास्का के सबसे बड़े शहर एंकरेज में यूक्रेन जंग पर मीटिंग शुरू हो गई है। यह मीटिंग बंद कमरे में हो रही है। पुतिन 10 साल बाद अमेरिका पहुंचे हैं।

ट्रम्प ने करीब आधे घंटे प्लेन में बैठकर पुतिन के अलास्का पहुंचने का इंतजार किया। एयरपोर्ट पर पहुंचते ही पुतिन का B-2 बॉम्बर से स्वागत किया गया। इसके बाद उनके रेड कार्पेट पर आते ही ट्रम्प ने तालियां बजाई। फिर पुतिन, ट्रम्प की कार में बैठकर मीटिंग के लिए रवाना हो गए।

दोनों नेताओं को किसी भी खतरे या जासूसी से बचाने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। रूस और अमेरिका के कई सुरक्षा कर्मी और सैनिक एंकरेज में मौजूद हैं।

अमेरिकी सीक्रेट सर्विस मुख्य सुरक्षा जिम्मेदारी संभाल रही है और पुतिन की सिक्योरिटी टीम के साथ मिलकर काम कर रही है।

ट्रम्प-पुतिन की मीटिंग से जुड़े 5 बड़े अपडेट्स

राष्ट्रपति पुतिन 10 साल बाद अमेरिका पहुंचे। यूक्रेन जंग पर बात करेंगे।
दोनों नेता एक ही गाड़ी में बैठकर मीटिंग के लिए निकले।
रूस ने कहा कि पुतिन और ट्रम्प की बैठक 6-7 घंटे चल सकती है।
यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि सबकुछ अमेरिका के कड़े रुख पर निर्भर।
रूसी विदेश मंत्री कल अलास्का पहुंचे तो उन्होंने USSR लिखी टी-शर्ट पहनी थी।

पुतिन दुनिया की सबसे शक्तिशाली हस्तियों में से एक हैं. वह रूसी खुफिया एजेंट केजीबी के एजेंट रहे हैं. ऐसे में अपनी सुरक्षा को लेकर बेहद सतर्क रहते हैं. अत्याधुनिक हथियारों से लैस ट्रेंड कमांडोज की टीम उन्हें हमेशा घेरे रहती है. उनकी सिक्योरिटी टीम के मेंबर खुद को Musketeers कहते हैं. बताते हैं, ये मस्केटियर्स रूस की फेडरल प्रोटेक्टिव सर्विस (FSO) की स्पेशल यूनिट के कमांडो होते हैं.

पुतिन के हर दौरे में उनकी सिक्योरिटी टीम साये की तरह उनके साथ रहती है. ये टीम कई तरह के सूटकेस लेकर चलती है. इनमें मल-मूत्र रखने वाले से लेकर न्यूक्लियर सूटकेस तक शामिल होता है. हर सूटकेस बुलेटप्रूफ-बमप्रूफ होता है ताकि किसी अनहोनी की स्थिति में राष्ट्रपति को बचाया जा सके.

मल-मूत्र सूटकेस
पुतिन अपनी सेहत के राज को किसी भी कीमत पर बाहर नहीं आने देते. इसलिए अपने मल-मूत्र को भी सुरक्षित रखते हैं. विदेशी धरती पर इस काम के लिए एक खास सूटकेस हमेशा उनके साथ रहता है. इसमें उनके मल-मूत्र को सुरक्षित रखा जाता है ताकि कोई उसके जरिए उनकी हेल्थ कंडीशन का पता न लगा सके.

न्यूक्लियर सूटकेस
पुतिन के बॉडीगार्ड हमेशा एक परमाणु सूटकेस लेकर साथ चलते हैं. इसे Cheget कहा जाता है. बताते हैं कि ऐसा पहला सूटकेस 1980 के दशक में सोवियत केजीबी ने बनाया था. बाद के ऐसे सूटकेस एक किलोटन विस्फोटक बराबर क्षमता रखते थे, जो आधा मील के इलाके को खंडहर बना सकता है. आजकल के सूटकेस में कम्युनिकेशन डिवाइस भी होता है, जिसका एक बटन दबाते ही मॉस्को में कमांड सेटर को परमाणु हमले की हरी झंडी मिल जाती है.

SR-1 विक्टर पिस्टल
पुतिन के बॉडीगार्ड ऐसे चुने हुए कमांडो होते हैं, जिन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से तोड़ना आसान नहीं होता. ये कमांडो अपने साथ SR-1 विक्टर पिस्टल लेकर चलते हैं, जिसकी गोलियां मजबूत सुरक्षा कवच को भी भेद सकती हैं.

Ak-47 राइफलें
बॉडीगार्ड्स के अलावा पुतिन की हिफाजत के लिए ‘अदृश्य’ सुरक्षा घेरा भी बनाकर रखा जाता है. इसमें शामिल सुरक्षाकर्मी एके-47 जैसी अत्याधुनिक राइफलों से लैस रहते हैं.

टैंक-विमान भेदी हथियार
पुतिन की सिक्योरिटी टीम भारी हथियारों से लैस रहती है. इनमें एंटी टैंक ग्रेनेड लॉन्चर और पोर्टेबल एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइलें भी होती हैं.

सुरक्षा चक्र में ये भी शामिल
पुतिन जो कुछ खाते हैं, पहले उसकी जांच होती है. फूड टेस्टिंग एक्सपर्ट उसे चखते हैं ताकि जान सकें कहीं उसमें जहर वगैरा तो नहीं है.इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के लिए ट्रेंड टेक्निशियन साथ चलते हैं, जो बेहद पावरफुल डिजिटल गैजेट्स से लैस रहते हैं. राष्ट्रपति पुतिन जहां कहीं भी जाते हैं, महीनों पहले सिक्योरिटी टीम उस जगह की खाक छानने पहुंच जाती है. उस जगह पर जैमर लगा दिए जाते हैं ताकि रिमोट से धमाका न किया जा सके. पुतिन जिस कार में रहते हैं, उसके आसपास उसी जैसी कई कारें चलती हैं ताकि पता न चल सके.

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