
ट्रांसफर, विभागीय जाँच के नाम पर करता था पैसौ की मांग, क्राइम ब्रॉच टीम ने नाले में कूदकर दबोचा
भोपाल(ईएमएस)। राजधानी की क्राइम ब्रांच टीम ने डीजीपी कार्यालय का ऑफिसर बनकर पुलिस कर्मचारियों के ट्रांसफर एवं विभागीय जाँच के नाम पर धोखाधड़ी करने वाला शातिर जालसाज को नाले में कूदकर दबोचा है। दबिश के दौरान जालसाज भागने के लिये नाले में कूद गया, लेकिन टीम ने उसका पीछा नहीं छोड़ा और नाले में कूदकर उसे दबोच लिया।
ठग की धरपकड़ के लिये पुलिस ने रायपुर, इलाहबाद में लोकेशन मिलने पर उसकी तलाश की लेकिन आखिर में उसकी लोकेशन भोपाल में मिलने पर उसे निशातपुरा इलाके से गिरफ्तार कर लिया। चालाक आरोपी एमपी एवं छत्तीसगढ़ के पुलिस कर्मियों को अपना निशाना बनाते हुए पहले तो गूगल से जिले के पुलिस कंट्रोल रूम का नंबर हासिल करता और फिर पुलिस कर्मियो के ट्रासंफर के मामलो की जानकारी लेकर उन अधिकारी, कर्मचारियो को फोन कर अफसरी वाले लहजे में बात करते हुए पैसो की मांग करता था। एडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रॉच शैलेंद्र सिंह चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि मध्य प्रदेश पुलिस में पदस्थ महिला उप निरीक्षक ने शिकायत करते हुए बताया था कि अज्ञात मोबाइल नंबर से उनके पास फोन आ रहा है। दूसरी और से बात करने वाला व्यक्ति खुद को डीजीपी कार्यालय का आला अफसर बताकर ट्रांसफर रुकवाने और सस्पेंड करने की धमकी देते हुए पैसों की मांग कर रहा है। शिकायत मिलने पर पुलिस ने उस मोबाइल नंबर के आधार पर मामले की जॉच शुरु की पड़ताल में उसकी उसकी लोकेशन रायपुर कोरबा में मिली इसके बाद उसकी लोकेशन इलाहबाद मिलने लगी। क्राइम ब्रांच की टीम इलाहबाद पहुंची वहॉ सर्च करने पर आरोपी की लोकेशन भोपाल में मिली। लोकेशन के आधार पर क्राइम ब्रांच की टीम ने निशातपुरा पहुंचकर जाल बिछाया। इस दौरान उन्हें संदिग्ध नजर आ गया। टीम ने उसे पकड़ने का प्रयास किया जिसपर उसने भागने की कोशिश की और पुलिस से बचने के लिये नाले में छलांग लगा दी। इसके बाद टीम ने भी नाले में घुसकर आरोपी को दबोचते हुए पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच थाने लाया गया। पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम बुद्धसेन मिश्रा पिता राम निरंजन मिश्रा (29) निवासी ग्राम औभरी, पोस्ट हरदौली थाना पनवार, जिला छिंदवाड़ा बताया। आरोपी ने पुलिस विभाग का अधिकारी बनकर ठगी करने की बात स्वीकार करते हुए यह भी बताया कि अभी तक उसे किसी कर्मचारी द्वारा पैसे नही दिये गये है। पुलिस ने उसके पास से दो मोबाइल, तीन सीम कार्ड जप्त किये हैं। उसके पास पुलिसकर्मचारी और अधिकारी के पचास नंबर की लिस्ट भी मिली है।
- इस तरह आया आइडिया और ऐसे दियो अंजाम
अधिकारियो के अनुसार आरोपी बुद्धसेन मिश्रा पांचवी पास है, और इंदौर के होटल गुरूकृपा में गार्ड की नौकरी करता था। होटल में पुलिसकर्मियों और अधिकारियों का आना-जाना लगा रहता था। इस दौरान आरोपी पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच वायरलेस सेट पर चलने वाली बातचीत को गौर से सुनता था। यहीं से आरोपी ने पुलिस अफसर बनकर ठगी करने की योजना बनाई। इसके बाद आरोपी ने गूगल से सभी पुलिस कंट्रौल रूम के नम्बर हासिल कर लिय। बाद में आरोपी ने जिले मे पदस्थ एसआरसी बाबू के नंबर पर बात कर उनसे स्थांतरण के लिये दिये अधिकारी, कर्मचारी की जानकारी ले लेता था। इसके बाद उन अधिकारी, कर्मचारी से संबधित थाना प्रभारी को फोन करता और उसे ट्रार्सफर चाहने वाले अधिकारी,कर्मचारियो को फोन पर बात करने का आदेश देता। अधिकारी,कर्मचारी जब उसे फोन करते तो वो उनसे उनके द्वारा दिए आवेदन पर ट्रांसफर के लिये पैसे देने की मांग करता साथ ही कुछ कर्मचारियो को उनकी शिकायत होने का बताकर उनके विरुद्ध निलंबन की कार्यवाही करने की धमकी देकर भी पैसो की मांग करता था। आरोपी अधिकारी के लहजे में इस तरह बात करता था, कि कई अधिकारी,कर्मचारियों को उसपर शक नही हुआ। लेकिन जब कुछ कर्मचारियों को सदेंह हुआ तो उन्होने क्राइम ब्रांच में इसकी शिकायत की।
पकड़ा गया आरोपी पूर्व में छिंदवाड़ा जिले के जुन्नारदेव थाने में धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार हो चुका है। चालाक ठग से पुलिस अन्य मामलों के बारे में पूछताछ कर रही है।














