प्यारे मियां सेक्स स्कैंडल : दो पीड़िताओं ने बालिका गृह में खायी नींद की गोलियां, एक की हालत गंभीर

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के फर्जी पत्रकार प्यारे मियां से जुड़े सेक्स स्कैंडल की शिकार दो पीड़िताओं ने नींद की गोलियां खा लीं। इसके बाद दोनों का इलाज चल रहा है। इसमें एक पीड़िता की स्थिति गंभीर बतायी जा रही है, जबकि दूसरी खतरे से बाहर है।

पीड़िता ने भोपाल मेें स्थित बालिका गृह में नींद की गोलियां खायी। पुलिस ने बताया है कि सोमवार को दो पीड़िताओं ने बालिका गृह में नींद की गोली खा ली थी, जिसमें एक की स्थिति में सुधार नहीं होने पर उसे दूसरे अस्पताल में बेहतर चिकित्सा के लिए भर्ती कराया गया है। पहले दोनों पीड़िताओं को जेपी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था।

यह पुलिस जांच का विषय है कि उन लड़कियों ने किन परिस्थितियों में नींद की गोली खायी। यह भी सवाल है कि क्या उन पर इस मामले की जांच को लेकर किसी तरह का दबाव का सामना करना पड़ रहा था।

भोपाल में प्यारे मियां अपना एक अखबार चलाता था और वह नाबालिग लड़कियों को अपने पास रखता था व उन्हें खुद को अब्बू पुकारने के लिए कहता व उनका यौन शोषण करता था। इस चर्चित सेक्स स्कैंडल के आरेापी प्यारे मिया को पिछले साल जुलाई में पुलिस ने श्रीनगर से गिरफ्तार किया था। उस पर भोपाल पुलिस ने इनाम भी घोषित कर रखा था। वह वर्षाें से लड़कियों का यौन शोषण कर रहा था और उसके केस में उसके कई सहयोगियों की भी गिरफ्तारी हुई थी।

छापेमारी में जब्त हुए थे आपत्तिजनक समान

प्यारे मियां के यहां पिछले साल की गयी छापेमारी में कई पाॅर्न वीडियो, सेक्स ट्वाॅय, पाॅर्न सीडी, पेन ड्राइव के साथ शक्तिवर्धक दवाएं जब्त की गयी थी। इसके अलावा भी कई आपत्तिजनक समान जब्त हुए। वह लड़कियों को विदेश लेकर भी अपने साथ जाता था और पोर्न दिखाकर नाबालिग लड़कियों का यौन शोषण करता था।

वह, प्रभावशाली लोगों को लड़कियों की आपूर्ति भी करता था और उसके जरिए उसने करोड़ों रुपये बनाए थे। वह अपने पास नाबालिग लड़कियों को रखता था और उनका यौन शोषण करता था और जैसे ही वे बालिग होती थीं उसकी किसी अन्य से शादी करवा देता था। वह लड़कियों को लेकर दुबई, बैकांक, थाईलैंड, सिंगापुर आदि जगहों पर गया था।

उसके केस में पुलिस ने उसकी सहयोगी स्वीटी विश्वकर्मा, उसके ड्राइवर अनस, मैनेजर ओवेस और लड़कियां अरेंज करने वाली एक और महिला रूबिया को आरोपी बनाया है। गरीब माता-पिता उसके द्वारा लड़कियों को नौकरी पर रखवाने के झांसे में आ जाते थे और अपनी बेटी को उसके सुपुर्द कर देते थे।

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