
नई दिल्ली।प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को यस बैंक से जुड़े कथित 3,000 करोड़ रुपये के लोन धोखाधड़ी के सिलसिले में बिजनेसमैन अनिल अंबानी और उनकी समूह कंपनियों से जुड़े 40 से 50 स्थानों पर व्यापक तलाशी शुरू किया।
बता दें, यह कार्रवाई भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के रिलायंस कम्युनिकेशंस और उसके प्रमोटर-निदेशक अनिल डी अंबानी को ‘धोखाधड़ी’ के रूप में वर्गीकृत किए जाने के कुछ ही दिनों बाद की गई है।हालांकि अंबानी के निजी आवास पर तलाशी अभियान नहीं चलाया गया, लेकिन दिल्ली और मुंबई से आई ईडी की टीमों ने उनके समूह की कुछ कंपनियों से जुड़े परिसरों का दौरा किया। यह जांच रिलायंस अनिल अंबानी समूह कंपनियों के कथित पैसे शोधन से संबंधित है।ईडी सूत्रों के अनुसार यह छापेमारी धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत की गई तथा यह रिलायंस अनिल अंबानी समूह (आरएएजीए) की कंपनियों के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा दर्ज की गई दो एफआईआर के बाद की गई।
बता दें कि रिपोर्टों के अनुसार यह मामला सेबी, राष्ट्रीय आवास बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) सहित कई एजेंसियों से प्राप्त शिकायतों और खुफिया सूचनाओं पर आधारित है।
यह जांच 2017 से 2019 के दौरान यस बैंक से लिए गए 3,000 करोड़ रुपये के लोन के संदिग्ध अवैध डायवर्जन पर केंद्रित है।ईडी अधिकारियों के अनुसार समूह की कंपनियों को लोन वितरित किए जाने से कुछ समय पहले ही बैंक के प्रवर्तकों से जुड़ी संस्थाओं को पैसे ट्रांसफर कर दी गई थी
अधिकारियों ने रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) से संबंधित जानकारी ईडी के साथ साझा की है। एक प्रमुख चिंता का विषय कॉर्पोरेट लोन वितरण में अचानक बढ़ोतरी है, जो वित्त वर्ष 2017-18 में 3,742.60 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2018-19 में 8,670.80 करोड़ रुपये हो गया।
यस बैंक के पूर्व प्रवर्तकों से जुड़े रिश्वतखोरी के पहलू की भी जांच की जा रही है। रिपोर्टों के अनुसार सेबी ने अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) से संबंधित अपने निष्कर्ष ईडी के साथ साझा किए हैं। आरएचएफएल की कॉर्पोरेट लोन बुक में भारी उछाल आया है, जो वित्त वर्ष 2017-18 में 3,742.60 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2018-19 में 8,670.80 करोड़ रुपये हो गई है, जो अब ईडी की जांच के दायरे में है।एसबीआई ने आरकॉम और अनिल अंबानी को धोखाधड़ी घोषित किया एसबीआई ने हाल ही में अनिल अंबानी और उनकी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) को ‘धोखाधड़ी’ घोषित किया है।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा को बताया कि एसबीआई ने 24 जून, 2025 को आरबीआई को इस मामले की सूचना दी थी। प्रवर्तन निदेशालय ने कारोबारी अनिल अंबानी से जुड़े 30 से अधिक ठिकानों पर आज छापे मारे हैं। यह छापेमारी 50 से अधिक कम्पनियों पर हुई है, जो अनिल अंबानी से जुड़ी हुई हैं। अनिल अंबानी ही नहीं बल्कि उनकी कम्पनियों से जुड़े शीर्ष अधिकारियों पर भी छापे मारे गए हैं।