गोंडा जिले में एक प्राइवेट अस्पताल ने कोरोना संक्रमित की मौत के बाद उसके शव को परिजनों के सुपुर्द करने से इंकार कर दिया। अस्पताल प्रबंधन ने कहा, बाकी रुपए जमा करिए और शव ले जाइए। परिवार ने रिश्तेदारों से एक लाख रुपए जुटाकर अस्पताल को दिया तो शव मिला है। यह मामला CMO तक पहुंचा तो उन्होंने जांच के बाद कार्रवाई करने की बात कही है। बता दें कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि संक्रमितों का इलाज प्राइवेट अस्पताल में हो सकता है। उसका खर्च सरकार उठाएगी। लेकिन जिले में हुई इस घटना ने सरकार के दावों की पोल खोल दी है वहीं मानवता को शर्मसार किया है।
19 अप्रैल को भर्ती कराया था
विकास खंड कटरा बाजार के चौहानपुरवा निवासी रोहित सिंहा ने बताया कि 19 अप्रैल को उन्होंने अपने भाई संतोष सिंह (38 साल) को कोरोना से पीड़ित होने के बाद SCPM हॉस्पिटल के कोविड सेंटर में भर्ती कराया था। जहां पर 11 दिनों तक इलाज चलने के बाद गुरुवार की देर रात उनके भाई कि मौत हो गई। इस दौरान अस्पातल प्रशासन द्वारा दवा, जांच और इलाज के नाम पर करीब 3 लाख रुपए जमा कराए।
गुरुवार रात जब संतोष सिंह की मौत हो गई तो अस्पताल प्रबंधन ने एक लाख 65 हजार का बिल थमा दिया। स्टॉफ ने कहा कि एक लाख 15 हजार जमा कर दो, तभी शव मिलेगा। परिवार ने किसी तरह एक लाख रुपए का इंतजाम कर अस्पताल प्रशासन को सौंपा तो शव दिया गया।
संवेदनहीन बयान भी आए
अस्पताल के मैनेजर अभिताज दूबे ने बताया कि बिल बकाया होगा, तभी स्टाफ द्वारा पैसे की मांग की गई है। फिलहाल हम मामले को दिखा रहे हैं। जिले के सीएमओ ने कहा कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है। मामले की जांच कराई जाएगी।