अगर आपको साल 2007 में आई फिल्म वेलकम याद होगी तो आपने इस फिल्म में एक बड़े विलेन को देखा था जिनका नाम फिल्म में RDX था। उनका असली नाम फिरोज खान है। वहीं अभिनय ही नहीं फिल्म निर्माण में भी हाथ डाला और वहां भी कामियाबी ने कदम चूमे, बात हो रही है फिल्मी दुनिया के खूबसूरत मर्दों में से एक फिरोज खान की। तमन्ना थी हीरो बनने की लेकिन 1957 में ‘जमाना’ फिल्म में मौका मिला सहायक अभिनेता का। फिर अगले तीन साल तक दीदी (1959), घर की लाज (1960) जैसी फिल्मों के जरिए फिरोज खान रूपहले पर्दे पर अपनी उपस्थिति बनाए रहे पर सहायक अभिनेता के रूप में।
फिल्मी दुनिया में कदम रखते समय 18 साल के फिरोज खान को एक विदेशी लड़की से प्यार हो गया, लड़की शादी करना चाहती थी, लेकिन फिरोज खान करियर बनाने की धुन में थे इसलिए पहला प्यार परवान नहीं चढ़ सका। जानकारी के लिए बता दें कि शुरुआती दौर में उन्हें कम बजट वाली थ्रिलर फिल्में ही मिलीं। जैसे ‘रिपोर्टर राजू’, ‘सैमसन’, ‘चार दरवेश’, ‘एक सपेरा एक लुटेरा’, ‘सीआईडी 999’,। अपनी पहचान बनाने के लिए फिरोज को आठ साल लंबा इंतजार करना पड़ा। 1965 में आई फ़िल्म ‘ऊंचे लोग’ की कामयाबी ने फिरोज खान को मजबूती से स्थापित कर दिया।
ये तो हो गई फिरोज खान की बात लेकिन आज हम फिरोज खान की बेटी के बारे में बात करने जा रहे हैं जिन्हें आप भी नहीं पहचानते होंगे। फ़िरोज़ की एक बेटी हैं जिनका नाम लैला खान हैं। ये दिखने में बेहद ही खूबसूरत और स्टाइलिस नजर आती हैं। लेकिन वह अपने भाई और पिता की तरह फ़िल्मी दुनिया में एक्टिव नहीं हैं।
आमतौर पर जहां फिल्म स्टार्स के बच्चे एक्टिंग में ही करियर बनाने का सपना देखते हैं और कई उस सपने को साकार कर भी लेते हैं वहीं कुछ स्टार्स के बच्चे ऐसे भी रहे जिन्हें फिल्मों से दूर रखा गया, खासकर कि लड़कियां। जैसे कि कपूर खानदान की परंपरा रही कि उनके खानदान की कोई भी बेटी फिल्मों में काम नहीं करेगी उसी तरह फिरोज खान के परिवार की भी कोई लड़की फिल्मों में नहीं आई।
शायद इसीलिए उनकी बेटी लैला खान एक्टिंग की दुनिया से दूर ही रहीं। जहां लैला के भाई फरदीन खान एक समय में बॉलीवुड के मशहूर एक्टर रहे, वहीं खुद लैला फिल्मों की एबीसीडी भी नहीं सीख पाई। आज लैला खान का अपना ही नाम है। उनकी पहचान ना तो अपने पिता के नाम से है ना ही भाई के नाम से बल्कि आज उनकी पहचान उनके काम की वजह से है। आज उनकी पेंटिंग को सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशो में प्रदर्शित किया जाता हैं।