फिरौती मांगने वाले गिरोह का पर्दाफाश : चार बदमाश गिरफ्तार, तमंचे, कारतूस बरामद

भास्कर समाचार सेवा

हरिद्वार। इंटरनेशनल काल के माध्यम से पचास लाख की फिरौती मांगने और न देने पर जान से मारने की धमकी देने के मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने पीडित के परिचित सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। एक आरोपी पुलिस पकड़ से बाहर है जिसकी गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे है। गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने तीन तमंचे, कारतूस, मोबाइल फोन व दो बाइक भी बरामद की है। आरोपियों में से एक का भाई सऊदी अरब से फिरौती के लिए फोन कर रहा था।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि, बीते 25 सितंबर को बहादराबाद क्षेत्र के अहमदपुर ग्रांट निवासी सुरेंद्र सिंह के मोबाइल पर एक काल आयी थी। जिसमें उन्हे धमकाते हुए पचास लाख की फिरौती मांगी गयी थी। मामले की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्काल मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई। मामले की जांच में जुटी पुलिस ने जब इसकी पड़ताल की तो पता चला कि काल इंटरनेशनल है। इंटरनेशनल कॉल की बात सामने आने पर पुलिस भी हैरान रह गई। एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार और एएसपी ज्वालापुर रेखा यादव के निर्देशन में पुलिस और एसओजी टीम की ओर से कड़ी मशक्कत के बाद मनजीत निवासी सहदेवपुर, परीक्षित उर्फ प्रिंस निवासी सहदेवपुर, विनीत निवासी दौराला मेरठ हाल निवासी दक्ष एंक्लेव सराय रोड ज्वालापुर और शेर खान निवासी सरखडी रुड़की को गिरफ्तार कर लिया गया। जिनके कब्जे से पुलिस ने तीन तमंचे, कारतूस, चार मोबाइल व दो बाइक भी बरामद की है। पुलिस टीम में बहाराबाद थानाध्यक्ष रणवीर सिंह चौहान, एसएसआई गजेंद्र सिंह रावत, एसआई अकरम, एसआई हेमदत्त भारद्वाज, कांस्टेबल बलवीर चौहान, मुकेश नेगी, अमित भट्ट, दिनेश चौहान, सीआईयू प्रभारी निरीक्षक नरेंद्र सिंह बिष्ट, एसआई रणजीत सिंह तोमर, एसआई जहांगीर अली, हरवीर सिंह रावत, पदम सिंह, अजय कुमार, वसीम अकरम, मनोज कुमार, नितिन, महीपाल आदि शामिल रहे। 

उत्तराखंड में पहली बार हुई घटना: एसएसपी

एसएसपी ने बताया कि जिन नंबरों से फिरौती की मांग की जा रही थी, जांच में सभी नंबर वर्चुअल निकले। फोन नंबरों की कॉल डिटेल के माध्यम से घटना का अनावरण किया जाना कठिन हो गया। सीआईयू की ओर से गहनता से जांच की तो पाया कि धमकी देने वाली कॉल इंटरनेशनल कॉल है तथा जिस विदेशी कंपनी के माध्यम से कॉल की जाती थी, वह कंपनी भारत में प्रतिबंधित है। जिस कारण से इंटरनेशल कॉलर की जानकारी नहीं मिल पा रही थी। सर्विलांस किए जाने पर घटना में शामिल आरोपियों की जानकारी प्राप्त हुई। एसएसपी ने बताया कि इस प्रकार की घटना उत्तराखंड में पहली बार हुई है, जिसका खुलासा करना उत्तराखंड पुलिस के लिए एक चुनौती थी।

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