भास्कर समाचार सेवा
रुड़की। दक्षता आधारित अधिगम पर ऑनलाइन कार्यशाला में बच्चों के सीखने की प्रक्रिया को और अधिक सुगम बनाने पर जोर दिया गया। साथ ही प्रतिभागियों को रोचक शिक्षण विधि का अपने शिक्षण में उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। कार्यशाला में देहरादून संभाग के ग्रुप डी के अंतर्गत सात केंद्रीय विद्यालयों के 84 प्राथमिक शिक्षकों ने भाग लिया।
केंद्रीय विद्यालय क्रमांक एक में गुरुवार को दक्षता आधारित अधिगम (कंपेटेंसी बेस्ड लर्निंग) के ऊपर प्राथमिक शिक्षकों के लिए एक दिवसीय आनलाइन कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला का विषय कक्षा तीन से कक्षा पांच तक के विद्यार्थियों में दक्षता आधारित अधिगम मोड्यूल की तैयारी था। कार्यशाला का उद्घाटन केंद्रीय विद्यालय संगठन, देहरादून संभाग की उपायुक्त मीनाक्षी जैन ने किया। इस मौके पर उपायुक्त मीनाक्षी जैन ने कहा कि यह कार्यक्रम नई शिक्षा नीति के अंतर्गत निपुण भारत कार्यक्रम में बच्चों के सीखने की प्रक्रिया को और सुगम बनाना है। कहा कि, हर एक बच्चा अलग होता है तो उनको सिखाने की पाठ योजना भी शिक्षकों को अलग बनानी चाहिए। ताकि प्रत्येक बच्चा अपने सीखने की क्षमता और समय के अनुसार सीख सके। उन्होने दिव्यांग एवं विशेष जरूरत वाले बच्चों को अतिरिक्त प्रयास और ज्यादा ध्यान देकर सिखाने की आवश्यकता पर बल दिया। प्राचार्य वीके त्यागी ने कहा कि प्राथमिक कक्षा ही वह पहली सीढ़ी होती है जब बच्चे पढ़ना, लिखना और गणना करना सीखते हैं। शिक्षकों को पाठ योजना प्रत्येक बच्चे को ध्यान में रखते हुए तैयार करना है ताकि बच्चा अपनी रुचि और अपने सीखने की गति के हिसाब से सीख सके। कार्यशाला में राखी दायमा, ज्योति भंडारी, वैशाली, अंजू सिंह आदि ने प्रतिभाग किया।