बड़ी उपलब्धि- 5वीं जेनरेशन के लड़ाकू विमान जल्द तैयार करेगा भारत, अब दुश्मनों की खैर नहीं…

नई दिल्ली । भारतीय वायुसेना लड़ाकू विमानों की भारी कमी से जूझ रही है। दूसरी तरफ दोनों दुश्मन पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान दोनों ने पांचवी पीढ़ी के फाइटर जेट की तैनाती कर दी है। ऐसे में देश की सुरक्षा में एक-एक पल भारी पड़ रहा है। लेकिन, ऐसा नहीं है कि भारत सरकार और सेना इस जरूरत को नहीं समझ रहे हैं। भारत भी अपनी तैयारी में जुटा हुआ है।

ये विमान भारत में बनेंगे और उस हर एक चीज और हथियार भारत की जरूरत के हिसाब से लगाए जाएंगे। अब भारत को फैसला करना है कि वह इस बारे में क्या फैसला लेता है। जानकार का यहां तक कहना है कि भारत और रूस मिलकर जो पांचवीं पीढ़ी के विमान बनाने की बात कर रहे हैं उसका नाम सुखोई-60 होगा, जो कई मामलों में सुखोई-57 से काफी उन्नत विमान होगा। रूस पांचवीं पीढ़ी के विमान उपलब्ध कराने में भारत की हर तरह से मदद करना चाहता है। भारत भी इसको लेकर बेहद गंभीर है। क्योंकि चीन ने अपने बेड़े में पांचवीं पीढ़ी के दो विमान शामिल कर लिया। साथ ही उसने पाकिस्तान को भी 5वीं पीढ़ी के विमान दे दिए हैं।

पाकिस्तान के सैन्य बेड़े में 2029 तक ये विमान आ जाएंगे। भारत पहले से ही सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल कर रहा है। ये 4+ पीढ़ी के बेहद घातक विमान हैं। टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के तहत भारत में एचएएल के प्लांट में 222 विमान असेंबल किए जा चुके हैं। कंपनी ने कहा कि भारत चाहे तो बहुत कम समय में सुखोई-30 के लिए लगाए गए प्लांट को अपग्रेड किया जा सकता है। उसमें सुखोई-57 का निर्माण शुरू किया जा सकता है। इसके साथ ही भारत की जरूरत के हिसाब से पूरी तरह एक नए विमान को भारत के साथ मिलकर विकसित करने का ऑफर दिया है।

बीते दिनों अमेरिका के दौरे पर पीएम नरेंद्र मोदी को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अपने सबसे आधुनिक 5वें जेन फाइटर जेट एफ-35 को देने का ऑफर दिया था। लेकिन, भारत की जरूरत को ये फाइटर जेट कितना पूरा करता है? इसको लेकर पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता। दूसरी तरफ अमेरिका में भी कुछ लोग इस फाइटर जेट को कबाड़ बता चुके हैं। ऐसे में भारत के लिए इस फाइटर जेट पर भरोसा करना आसान नहीं है।भारत के सामने एक दूसरा विकल्प है रूसी सुखोई-57 फाइटर जेट। यह भी पांचवीं पीढ़ी का शानदार फाइटर जेट है। यूक्रेन के साथ युद्ध में रूसी सेना इस फाइटर जेट की क्षमता दिखा चुकी है। लेकिन, भारत की जरूरतों के हिसाब से यह फाइटर जेट को भी परफेक्ट नहीं माना जा रहा है। ऐसे में भारत के सामने क्या विकल्प हैं? भारत अपना फाइटर जेट बनाने की दिशा में काम कर रहा है लेकिन, उसमें काफी देरी हो रही है।

एचएएल समय पर आपूर्ति करने की स्थिति में नहीं है। इस बीच रूस से भारत को नया ऑफर मिला है। सुखोई विमान बनाने वाली रूसी कंपनी ने कहा है कि भारत चाहे तो बेहद कम समय में सुखोई-57 विमानों का अपने यहां प्रोडक्शन शुरू कर सकता है। कंपनी ने बकायदा एक बयान जारी कर कहा है कि वह भारत को पांचवी पीढी का विमान देने के लिए हर तरह की मदद करने को तैयार है।

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