बाढ़ से तबाही : पंजाब में गंभीर स्थिति, 247 गांव पानी में डूबे…मौत का आंकड़ा 43 पहुंचा

पंजाब इन दिनों पिछले चार दशकों की सबसे भयावह बाढ़ से जूझ रहा है. कई जिलों में तबाही का आलम है, जहां अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है और 247 नए गांव पानी में डूब गए हैं. ऐसे हालात में मुख्यमंत्री भगवंत मान गुरुवार को अरविंद केजरीवाल के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा नहीं कर पाए, क्योंकि सुबह उन्हें तेज वायरल बुखार हो गया था. डॉक्टरों की सलाह पर मान अपने आवास पर आराम कर रहे हैं.

हालांकि, आम आदमी पार्टी (आप) सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने अकेले ही राज्य के सुल्तानपुर लोधी क्षेत्र का दौरा किया. इससे पहले उन्होंने आप प्रदेश अध्यक्ष अमन अरोड़ा के साथ सीएम भगवंत मान से मुलाकात की और उनकी तबीयत का हाल जाना. शाम तक मान की तबीयत में सुधार की खबर आई और शुक्रवार को होने वाली कैबिनेट बैठक को टालने की फिलहाल कोई योजना नहीं है.

पंजाब में बाढ़ का कहर

पंजाब में ब्यास और रावी नदियों के उफान ने हालात को और बिगाड़ दिया है. बीते 24 घंटे में छह और लोगों की जान चली गई, जिससे मृतकों की कुल संख्या बढ़कर 43 हो गई. हजारों परिवारों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है. अरविंद केजरीवाल बुधवार शाम ही पंजाब पहुंचे थे. पहले उनकी योजना पटियाला जाने की थी, लेकिन बाद में उन्होंने सुल्तानपुर लोधी का दौरा किया. उन्होंने मौके पर राहत और बचाव कार्यों का जायजा लिया और प्रभावित परिवारों से मुलाकात की.

आप नेताओं की सक्रियता

पिछले दो हफ्तों में खुद सीएम भगवंत मान ने कई बार बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा किया. मंगलवार को वे फाजिल्का के गट्टी राजो के गांव पहुंचे थे, जहां उन्होंने नाव से हालात का जायजा लिया. इसके अलावा, मनीष सिसोदिया, संदीप पाठक और राघव चड्ढा जैसे आप नेता भी लगातार प्रभावित इलाकों में सक्रिय रहे.

मान की ऑनलाइन सक्रियता

बीमार होने के बावजूद भगवंत मान ने सोशल मीडिया पर अपडेट देना जारी रखा. उन्होंने अपने ‘X’ अकाउंट पर जानकारी साझा की कि हर बाढ़ प्रभावित गांव में एक गजटेड अधिकारी तैनात किया जाएगा, ताकि प्रशासन और ग्रामीणों के बीच सीधा संवाद हो सके और उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान निकाला जा सके.

पंजाब के बॉर्डर इलाकों में रावी नदी ने कहर बरपा दिया है. लगातार बारिश से आई बाढ़ ने इंडो-पाक बॉर्डर पर करीब 30 किलोमीटर लंबी लोहे की फेंसिंग बहा दी और कई बांध टूट गए. हालात इतने गंभीर हैं कि बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) को दर्जनों चौकियां खाली करनी पड़ीं. गुरदासपुर, अमृतसर और पठानकोट जिलों में अब तक 50 से ज्यादा जगहों पर बांध टूटने की जानकारी मिली है. अधिकारियों ने बताया कि इस संकट के बीच ड्रग तस्करों ने सीमा पर बनी खामियों का फायदा उठाने की कोशिश की, लेकिन सतर्क बीएसएफ जवानों ने उनकी हर चाल नाकाम कर दी.

30-40 चौकियां डूबीं, 30 किमी फेंसिंग तबाह

बीएसएफ पंजाब फ्रंटियर के डीआईजी ए.के. विद्यार्थी ने हालात की पुष्टि करते हुए कहा कि गुरदासपुर में हमारी लगभग 30 से 40 बॉर्डर चौकियां पानी में डूब गईं. सभी जवानों और उपकरणों को सुरक्षित निकाल लिया गया, कोई हताहत नहीं हुआ. करीब 30 किलोमीटर फेंसिंग गुरदासपुर, अमृतसर और फिरोजपुर सेक्टर में बह या क्षतिग्रस्त हो गई है.’

सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में अमृतसर के शहजादा गांव का एक परिवार BSF की कमलपुर चौकी में शरण लेता दिखा। यहां जवानों को rising waters की वजह से पोस्ट खाली करना पड़ा. यहां तक कि करतारपुर साहिब कॉरिडोर के पास का मशहूर BSF पोस्ट भी पानी में डूब गया। जवानों को डेरा बाबा नानक के ऐतिहासिक गुरुद्वारा दरबार साहिब में शरण लेनी पड़ी.

 

 

 

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