बिना चोट के अगर शरीर पर पड़ते नील के निशान तो सावधान, इस बड़े खतरे की घंटी तो नहीं !

आपने कई बार नोटिस किया होगा कि आपके शरीर में कई जगह अचानक से नील के निशान जम जाते है, जहां कोई चोट न लगी हो? कई बार तो नील के निशान महीनों तक जमे रहते हैं और सबसे जरूरी सवाल, क्या आपके शरीर में हर वक्त नील के निशान पड़े रहते हैं? वैसे तो ये नील के निशान चोट लगने की वजह से नजर आते है।

क्यों पड़ते हैं नील के निशान?

त्वचा पर चोट लगने के बाद रक्त धमनियों को नुकसान पहुंचने से नील जम जाती है। इस तरह की चोट से खून रिसता है और आसपास की कोशिकाओं में फैल जाता है, जिससे कि नील जैसा निशान पड़ जाता है। चोट लगने पर ये शरीर की एक तरह की प्रतिक्रिया होती है। मेडिकल टर्म में इस स्थिति को कन्टूशन  या भीतरी चोट कहा जाता है।अगर बिना चोट लगे शरीर में नील जमने के निशान  दिखाए देने लगे तो ये चिंता करने की बात है। आइए जानते है बारे में शरीर में कब और कैसे नील के निशान जमते है और क्‍या ये इसके पीछे वजह।शरीर पर नील के निशान बन जाने के कारण जानना आपके लिये बहुत जरूरी है:

शरीर पर नील बन जाता है पोषक तत्‍वों की कमी के कारण :-

कुछ विटामिन्स और मिनरल्स ऐसे होते हैं जो रक्त के थक्कों और जख्मों को भरने का काम करते है। अगर किसी कारण शरीर में इनकी कमी हो जाए तो नील के निशान पड़ जाते है। इसलिए ध्यान ऱखें कि अपने आहार में सभी पोषक तत्वों की मात्रा अधिक रखें।

शरीर पर नील बन जाता है कैंसर और कीमोथेरेपी के कारण :-

कैंसर के दौरान कीमोथेरेपी के कारण भी शरीर पर नील के निशान दिखाई देने लगते है। कीमोथेरेपी के कारण रोगी का ब्‍लड प्‍लेटलेट्स बहुत नीचे गिर जाता है जिस वजह से बार-बार शरीर पर नील के निशान नजर आने लगते है ।

शरीर पर नील बन जाते हैं कुछ दवाइयां और सप्लीमेंट के कारण :-

कई बार दवाइयों और सप्लीमेंट के इस्तेमाल से ऐसे निशान नजर आने लगते है। दरअसल,वार्फेरिन और एस्पिरिन जैसी दवाइयों का खून को पतला कर देती है जिस कारण शरीर पर नील के निशान पड़ जाते है। यदि आपको भी इस तरह की दवायें लेते समय अपने शरीर पर नील के निशान दिखाई देने लगें तो अपने चिकित्सक से इस बारे में जरूर परामर्श करें

शरीर पर नील बन सकता है आनुवंशिक रोग हीमोफीलिया के कारण :-

हीमोफीलिया एक अनुवांशिक रोग है जिसमें अगर एक बार चोट या घाव लग जाए तो रक्त बहना बंद ही नहीं होता। इस बीमारी में रक्त में थ्राम्बोप्लास्टिन नामक की कमी हो जाती है, जिस वजह से खून का स्त्राव तेज या नील के निशान पड़ने शुरू हो जाते है।

शरीर पर नील बन सकता है बढ़ती उम्र के कारण :-

बढ़ती उम्र में शरीर के हिस्सों में नील पड़ना सामान्य बात है क्योंकि इस दौरान रक्त धमनियां काफी कमजोर हो जाती है जिस वजह से शरीर पर निशान बन जाते है। यह निशान लाल रंग , हल्के बैंगनी या हरे रंग के होते है और धीरे धीरे अपने आप गायब होकर दोबारा भी बन जाते है।वैसे तो नील के निशान से घबराने की कोई बात नहीं होती लेकिन अगर ये समस्या बहुत ज्यादा बढ़ जाती हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

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