बिहार सरकार जमीन सर्वे को लेकर अगली कैबिनेट की बैठक में लायेगी नया कानून
पटना । बिहार में फिलहाल स्थगित किया गया जमीन सर्वे का काम करोड़ो लोगों को भारी परेशानी में डाल चुका है। इसे लेकर नीतीश सरकार ने फिर से अपना रुख बदला है। अब जमीन सर्वे के तौर-तरीके में सुधार के लिए नया कानून बनाया जायेगा। कैबिनेट की अगली बैठक में सरकार नये सिरे से जमीन सर्वे के नियम-कानून पर चर्चा कर उसे पास करेगी।
जमीन सर्वे को लेकर लोगों में बढ़ते आक्रोश को देखते हुए नीतीश सरकार ने बीते सितम्बर माह में सर्वे पर तत्काल रोक लगाने का फैसला लिया था और सर्वे का टाइम भी बढ़ा दिया था लेकिन अब नये सिरे से कानून बनाकर उसी मुताबिक जमीन सर्वे कराने का फैसला लिया गया है। सरकार कह रही है कि इस बार ऐसा कानून बनाने जा रही है जिससे लोगों को परेशानी नहीं होगी।
बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल ने इसकी जानकारी दी है। दिलीप जायसवाल ने भागलपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जमीन सर्वे की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए राज्य सरकार नया कानून लाने वाली है। मंत्री दिलीप जायसवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मौजूदा भूमि सर्वे को लेकर कई तरह की भ्रांतियां फैली हैं, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके कारण ही सरकार ने सर्वे पर रोक लगाते हुए इसकी अवधि बढ़ाई थी।
मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि बिहार सरकार कैबिनेट की अगली बैठक में जमीन सर्वे से संबंधित नया कानून बनाने का एक प्रस्ताव ला रही है। इस कानून से लोगों को अपनी भूमि के सर्वे कराने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। सरकार लोगों की सारी परेशानी और समस्याओं को दूर कर देगी।
मंत्री ने कहा कि जमीन विवाद को कम करने के लिए राज्य के सभी राजस्व अधिकारियों को सीधे तौर पर हिदायत दी गई है कि वे लंबित मामलों का निपटारा न्याय के साथ निर्धारित अवधि के भीतर करें। इसके लिए एक महीने का समय दिया गया है। अधिकारियों को कहा गया है कि वे जल्दबाजी में किसी मामले को रद्द नहीं करें। जिस अंचल के भूमि विवाद के मामले ज्यादा समय तक लंबित रहेंगे, वहां के राजस्व पदाधिकारी दंडित किए जाएंगे। मंत्री ने दावा किया कि भूमि विवाद की समस्या से लोगों को निजात दिलाने के लिए राज्य सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है।