
नई दिल्ली । राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल बुधवार को रूस की यात्रा पर गए हैं। इस यात्रा में भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने पर बात होगी। इसमें एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की अतिरिक्त खरीद और एसयू-57 लड़ाकू विमानों पर बातचीत शामिल है। ऊर्जा आपूर्ति भी एजेंडे में है। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीवन विटकोफ भी मास्को में गए हुए हैं। ट्रंप ने भारत की ओर से रूसी तेल खरीदने पर जो टैरिफ बम फोड़ा है, उसे देखते हुए डोभाल का ये दौरा अहम माना जा रहा है।
डोभाल की रूस यात्रा में रक्षा उद्योग के संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान दिया जाएगा। भारत अतिरिक्त एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीद सकता है। साथ ही, एस-400 के रखरखाव की सुविधा भारत में करने पर भी बात हो सकती है। रूस के एसयू-57 लड़ाकू विमानों को खरीदने के विकल्पों पर भी विचार हो सकता है। एस-400 प्रणाली ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की सेना को रोकने में अहम भूमिका निभाई थी।
अजित डोभाल की यात्रा से पहले रूस में भारतीय राजदूत विनय कुमार ने रूस के उप रक्षा मंत्री कर्नल-जनरल अलेक्जेंडर फोमिन से मुलाकात की। डोभाल, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मिल सकते हैं। संयोग से, उसी समय ट्रंप के विशेष दूत स्टीवन विटकोफ भी मास्को में हैं। यह इस साल की शुरुआत से विटकोफ की रूस की पांचवीं यात्रा है।
मीडिया रिपोर्ट में एक रूसी सूत्र ने बताया कि इस दौरान मौजूदा भू-राजनीतिक स्थिति पर भी चर्चा की जाएगी। इसके अलावा रूसी तेल की भारत को आपूर्ति जैसे जरूरी मुद्दों पर भी बात होगी। ट्रंप ने भारत की ओर से रूसी तेल खरीदने और यूक्रेन युद्ध को बढ़ावा देने के लिए टैरिफ लगाने की धमकी दी है। डोभाल की यह यात्रा भारत और रूस के बीच मजबूत होते संबंधों को दिखाती है। दोनों देश रक्षा और ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ा रहे हैं, इससे दोनों देशों को फायदा होगा। भारत को आधुनिक हथियार मिलेंगे और रूस को तेल का बाजार मिलेगा।