मणिपुर का अगला CM कौन? भाजपा में बैठकों के दौर जारी, क्या लगेगा राष्ट्रपति शासन?

मणिपुर के अगले मुख्यमंत्री को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हो सका है। भाजपा के पूर्वोत्तर प्रभारी संबित पात्रा लगातार बैठकें कर रहे हैं, लेकिन किसी चेहरे को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है।  पात्रा बीते 2 दिनों से भाजपा विधायकों के अलावा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सहयोगी पार्टियों संग बैठकें कर रहे हैं। इस बीच राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने का खतरा भी मंडरा रहा है। 

मुख्यमंत्री के लिए इन नामों पर चर्चा

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगले मुख्यमंत्री के लिए 5 नामों पर चर्चा हो रही हैं। इनमें सत्यव्रत सिंह, राधेश्याम सिंह, मंत्री वाई खेमचंद सिंह, विश्वजीत सिंह और बसंत कुमार सिंह शामिल हैं। प्रभारी पात्रा ने इन सभी संभावित चेहरों से अलग-अलग मुलाकात भी की है। मणिपुर के भाजपा विधायक सपाम केबा और के इबोम्चा ने कहा कि राज्य के नए मुख्यमंत्री के बारे में फैसला पार्टी का शीर्ष नेतृत्व ही करेगा। 

राष्ट्रपति शासन लगने की पूरी-पूरी संभावना

संविधान के अनुच्छेद 174 (1) के मुताबिक, राज्यों की विधानसभा की 2 बैठकों के बीच में 6 महीने से ज्यादा का अंतर नहीं होना चाहिए।मणिपुर विधानसभा के संदर्भ में ये संवैधानिक समय सीमा आज खत्म हो रही है। विधानसभा सत्र 10 फरवरी से शुरू होने वाला था, लेकिन नहीं हो सका।  अभी तक किसी ने सरकार बनाने का दावा भी पेश नहीं किया है। ऐसे में राष्ट्रपति शासन की संभावना बढ़ गई है। 

कांग्रेस ने उठाए सवाल?

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, “आज मणिपुर विधानसभा के संवैधानिक रूप से अनिवार्य सत्र की आखिरी बैठक का आखिरी दिन है। मणिपुर के राज्यपाल संवैधानिक रूप से अनिवार्य सत्र के लिए विधानसभा को न बुलाकर अनुच्छेद 174(1) का उल्लंघन क्यों कर रहे हैं? सत्र को इसलिए रद्द कर दिया गया, क्योंकि भाजपा उस मुख्यमंत्री का उत्तराधिकारी नियुक्त नहीं कर सकी, जिसके खिलाफ कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली थी और जिसे इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा।” 

क्यों नहीं हो पा रहा है मुख्यमंत्री का चयन?

दरअसल, मणिपुर में भाजपा विधायकों के बीच ही मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर असमंजस की स्थिति है। एन बीरेन सिंह के इस्तीफा देने से पहले भी पार्टी के विधायक उनके खिलाफ आवाज उठा रहे थे।

इसके अलावा जातिगत समीकरण भी अगले मुख्यमंत्री के चयन में बाधा बन रहे हैं।

11 फरवरी को भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात जरूर की थी, लेकिन बताया जा रहा है कि इसमें सरकार गठन को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। 

9 फरवरी को बीरेन सिंह ने दिया था इस्तीफा

9 फरवरी को बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया था। उसी दिन वे गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले थे। मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच जारी हिंसा को रोकने में नाकामी की वजह से बीरेन विपक्ष के निशाने पर थे। अपने इस्तीफे में बीरेन ने केंद्र सरकार से मणिपुर में क्षेत्रीय अखंडता बनाए रखने, घुसपैठ पर नकेल कसने, निर्वासन नीति तैयार करने और ड्रग्स के खिलाफ कदम उठाने की अपील की थी।

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