
मणिपुर सरकार ने शनिवार रात अचानक पांच जिलों में इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाएं पांच दिनों के लिए बंद कर दीं. यह कदम अरामबाई तेंगगोल नामक मैतेई संगठन के एक नेता की गिरफ्तारी के बाद उपजे तनाव को देखते हुए उठाया गया. लेकिन सवाल यह है कि क्या यह केवल शांति व्यवस्था का उपाय है या फिर सूचना पर नियंत्रण की कोशिश?
अरामबाई तेंगगोल की गिरफ्तारी के बाद इंफाल ईस्ट और वेस्ट में देर रात सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए. क्वाकेथेल और उरीपोक इलाकों में टायर और फर्नीचर जलाकर लोगों ने विरोध जताया और नेता की तत्काल रिहाई की मांग की. यह विरोध दर्शाता है कि मणिपुर की आंतरिक स्थिति कितनी संवेदनशील और उग्र हो चुकी है.
Prohibitory orders have been issued by District Magistrates. Citizens are requested to cooperate with the orders. pic.twitter.com/7S6KvxJlXx
— Manipur Police (@manipur_police) June 7, 2025
राहत का जरिया या विद्रोह का मंच?
प्रशासन का दावा है कि इंटरनेट बंदी इसलिए जरूरी थी क्योंकि सोशल मीडिया के ज़रिए अफवाहें, उकसावे वाले संदेश और वीडियो फैल सकते थे. अधिकारी मानते हैं कि यह कदम “भड़काऊ तत्वों” को रोकने के लिए जरूरी था. हालांकि यह भी सच है कि इससे लोगों की अभिव्यक्ति पर अंकुश लगा और पारदर्शिता पर सवाल खड़े हुए.
सुरक्षा बलों का जमावड़ा
तनाव भरे माहौल को देखते हुए इन पांच जिलों में भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं. फिर भी यह स्पष्ट नहीं है कि गिरफ्तार नेता कौन हैं, और उन पर क्या आरोप है. इस अस्पष्टता ने जनता में असंतोष और आशंका दोनों को जन्म दिया है, जिससे हालात और भी जटिल हो गए हैं.
राज्यसभा सांसद की नाराज़गी भी आई सामने
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में बीजेपी के राज्यसभा सांसद लीशेम्बा सनाजाओबा खुद सुरक्षाकर्मियों से नाराजगी जताते नजर आए. वे कहते हैं, “अगर आप ऐसा करेंगे तो शांति कैसे आएगी? हमें भी गिरफ्तार कर लीजिए.” हालांकि इस वीडियो की पुष्टि नहीं हो पाई है, लेकिन इससे राज्य और केंद्र के बीच तनाव का संकेत मिलता है.
RS MP Leishemba Sanajaoba has been seen negotiating for Arambais arrested by the NIA for their role in instigating Manipur violence. In India’s democracy, MPs, as legislators, are tasked with lawmaking, not executive functions like negotiating for arrested terrorists. @HMOIndia pic.twitter.com/hzHPzWZ5XR
— Jalhai Haokip (@hatjalhai) June 7, 2025
आदेश, चेतावनी और अपील
गृह विभाग के सचिव एन अशोक कुमार के आदेश में कहा गया है कि इंटरनेट बंदी तत्काल प्रभाव से लागू की गई है और इसका उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी. वहीं प्रशासन ने जनता से अपील भी की है कि वे संयम बरतें और किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें. सरकार इस समय नियंत्रण और संवाद दोनों की कोशिश में है.