उत्तरकाशी – शारदीय नवरात्रों मे इन दिनों माँ चंदोमती देवी के मन्दिर मे भक्त गण पहुंच रहे है। इस देवी के प्रति लोगों की बडी आस्था है। देवी का यह मन्दिर गंगोत्री राजमार्ग मे मल्ला गाँव से करीब दो किलो मीटर के फासले मे ऊंचाई मे स्थिति ,जहां पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को पैदल दूरी तय करनी पडती है। कहते है कि मल्ला गाँव के नजदीक जिस बडे खेत मे देवी का मन्दिर स्थापित है उस खेत मे कभी 7हलों की जोडी से खेत को जोता जाता था।एक बार जव सातो हल खेत को जोत रहे थे तो जमीन के अन्दर किसी बडे पथ्थर से टक्करा कर सातो हल टूट गये जिससे ग्रामीण परेशान हो गये ओर तव यहाँँ के लोग स्थानीय आराध्य देव सोमेश्वर के पास गये।देवता ने लोगों को बगैर हल के खुदाई करने को कहा तो खेत की खुदाई मे अष्टभुजा महिषासुरमर्दिनी की मूर्ती मिली,जिसे बाद मे लोगों ने खेत मे ही स्थापित कर यहाँँ मन्दिर का निर्माण करवाया।धार्मिक मान्यताओं को लेकर 1970 से पहले इस देवी के मन्दिर मे पशु बलि भी दी जाती थी ,लेकिन बुजुर्ग वशी महाराज ने इस प्रथा को बंद करवाया था।जिसके बाद देवी को नरियल, रोट व अन्य चीजो का चढावा चडाया जाता है।इस देवी के दर्शन करने से मनोकामना पूर्ण होती है ऐसी मान्यता है।मन्दिर के पुजारी देवेंद्र प्रसाद रतूडी ने जानकारी दी कि नवरात्रि मे नजदीक गाँव मल्ला के युवक मंगल दल द्वारा भण्डारे का आयोजन हर साल किया जाता है स्थानीय निवासी अमृत लाल,प्रितम रावत जगमोहन रावत, सचिन,उत्तम रावत आदि का कहना है कि अगर उक्त देवी के मन्दिर को सडक से जोड दिया जाए तो गंगोत्री धाम के दर्शन करने वाले यात्री भी यहाँ दर्शन कर सकते है।
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