मरीज को दवा देने के लिए वार्ड में दाखिल हुई नर्स, नजारा देख रह गई सन्न

आज हम आपको एक ऐसी खबर के बारे में बताने जा रहे है, जिसके बारे में जान कर आप हैरान रह जायेंगे. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ये खबर एक ऐसे अपचारी बालक के बारे में है, जिसे मंगलवार की दोपहर को ही इलाज के लिए बाल संप्रेक्षण गृह से मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. मगर आपको जान कर ताज्जुब होगा कि अस्पताल में भर्ती होने के कुछ देर बाद ही अपचारी बालक अस्पताल के जेल वार्ड की बाथरूम की खिड़की का कांच तोड़ कर वहां से भाग गया. जी हां दरअसल जब अस्पताल की नर्स उसे बोतल चढ़ाने के लिए वार्ड में पहुंची, तब वो वहां से गायब था.

मगर यहाँ ताज्जुब की बात ये थी कि बाहर पुलिस के सख्त पहरा लगा हुआ था. ऐसे में जो पुलिस कर्मी वहां तैनात थे, वो भी ये सब देख कर सन्न रह गए. इसके बाद जब गार्ड ने जाकर बाथरूम की खिड़की का कांच देखा तो वो टूटा हुआ था. जिसके चलते गार्ड ने उस बालक को ढूँढना शुरू कर दिया. बता दे कि करीब एक घंटे बाद बालक को बस स्टैंड से बरामद किया गया. जिसके बाद ही पुलिस ने राहत की साँस ली. वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस किशोर बालक को चोरी के इल्जाम में पिछले दस दिनों से अंबिकापुर बाल संप्रेक्षण गृह में रखा गया है.

हालांकि ये किशोर यानि कि ये युवक कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ़ का रहने वाला है. दरअसल बीते मंगलवार को इस युवक की तबियत थोड़ी खराब हो गई थी. जिसके तहत इसे मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. इसके बाद दोपहर करीब बारह बजे युवक का इलाज करने के बाद उसे अस्पताल के ही जेल वार्ड में शिफ्ट किया गया. ऐसे में जब नर्स उस युवक के वार्ड में गई तो युवक वहां से गायब था और इसके बाद नर्स ने इस घटना की सूचना बाहर खड़े पुलिस कर्मियों को दी.

वही जब गार्ड अंदर गया तो उसके तो होश ही उड़ गए. जी हां उसने देखा कि बाथरूम की खिड़की के पास एक बाल्टी रखी हुई थी और कांच भी टूटा हुआ था. दरअसल आरोपी युवक खिड़की का कांच तोड़ कर और बाल्टी पर चढ़ कर खिड़की के रास्ते से जेल वार्ड के बगल में जो गार्ड रूम था, वहां घुस गया था. इसके बाद वह गार्ड रूम की खिड़की को जबरदस्ती तोड़ कर पीछे के रास्ते से भाग गया. वही जब युवक के भागने की खबर पुलिस अधिकारियो तक पहुंची तो खलबली मच गई.

अब जाहिर सी बात है कि पुलिस कर्मियों को इस बात की चिंता थी कि आखिर वो युवक कहा जा सकता है. ऐसे में पुलिस कर्मियों ने भी जोर शोर से युवक की तलाश करना शुरू कर दिया और आखिरकार उन्हें बस स्टैंड पर वो युवक मिल ही गया. दरअसल आरोपी युवक भागने की फ़िराक में था और इसलिए वो बस स्टैंड पर खड़े होकर बस का इंतजार कर रहा था. मगर पुलिस कर्मियों ने उसे देखते ही दबोच लिया और उसे वापिस जेल में भेज दिया.

बरहलाल हम तो यही कहेगे कि बाल संप्रेक्षण गृह ऐसे युवको को सुधारने के लिए बनाया गया है. इसलिए अगर हो सके इस घटना से कुछ सीख लीजिये और आपको अगर कही भी ऐसा कोई बालक या युवक दिखे तो उसे बाल संप्रेक्षण गृह की मदद से सुधारने की कोशिश करे.

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