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महाकुम्भ में महाजाम : रेल प्रशासन ने दी सफाई ये स्टेशन रहेंगे खुले
महाकुम्भ नगर । रेलवे प्रशासन ने सोशल मीडिया एवं अन्य स्थानों में चल रही खबरों को देखते हुए बताया कुछ मीडिया द्वारा यह प्रचारित किया जा रहा है कि प्रयागराज जंक्शन को बंद कर दिया गया है। इस सम्बंध में अवगत कराना है कि प्रयाग जिला प्रशासन के आदेश अनुसार उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल का प्रयागराज संगम स्टेशन 9 फरवरी को अपराह्न 1:30 से 14 फरवरी के रात्रि 12 बजे तक यात्री आवागमन के लिए बंद रहेगा ।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि साथ ही यह भी अवगत कराना है कि महाकुम्भ क्षेत्र में आने वाले अन्य आठ स्टेशनों प्रयागराज छिवकी, नैनी, प्रयागराज जंक्शन, सूबेदारगंज, प्रयाग, फाफामऊ, प्रयागराज रामबाग एवं झूंसी से नियमित और स्पेशल ट्रेनों का परिचालन नियमित रूप से चल रहा है।
महाकुम्भ : प्रतिदिन औसतन 1.44 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई संगम में डुबकी
महाकुम्भ नगर )। विश्व के सबसे बड़े धार्मिक सांस्कृतिक समागम ‘महाकुम्भ 2025’ ने दुनिया को अचंभित कर रखा है। दुनिया भर के बड़े धार्मिक आयोजनों में यह अपनी विशेष पहचान बना चुका है। प्रयागराज में मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों के पावन संगम में बीते 30 दिनों में आस्था का अटूट रेला उमड़ रहा है। प्रतिदिन महाकुम्भ में श्रद्धाभाव से पहुंच रहे श्रद्धालुओं की संख्या का आंकलन करें तो औसतन 1.44 करोड़ लोग प्रति दिन त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित कर रहे हैं। महाकुम्भ के जरिए सनातनियों की आस्था और श्रद्धा की बेमिसाल लहर देखने को मिल रही है।
–मौनी अमावस्या के बाद भी नहीं थम रहा श्रद्धालुओं का रेला
विशेष पर्वों पर श्रद्धालुओं की संख्या में जबरदस्त बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के पर्व पर सर्वाधिक 7.64 करोड़ से ज्यादा, जबकि इससे एक दिन पहले 28 जनवरी को 4.99 करोड़ से ज्यादा लोगों ने संगम स्नान किया। वहीं 14 जनवरी (मकर संक्रांति) को 3.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया था। आस्थावानों का रेला मौनी अमावस्या के बाद भी नहीं थमा है और प्रतिदिन करीब एक करोड़ और इससे ज्यादा लोग संगम में डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। इस दौरान महाकुम्भ नगरी भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा से ओत-प्रोत नजर आ रही है। 9 फरवरी तक 43 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम स्नान कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
–सुरक्षा, स्वच्छता और प्रबंधन के शानदार प्रयासों ने महाकुम्भ को बनाया ऐतिहासिक
योगी सरकार की ओर से इस विराट और ऐतिहासिक आयोजन के लिए विशेष तैयारियां पहले ही पूरी कर ली गई थीं, जिससे श्रद्धालुओं को सुगम स्नान की और अन्य सुविधाएं मिल सकीं हैं। सुरक्षा, स्वच्छता और प्रबंधन के शानदार प्रयासों ने महाकुम्भ को ऐतिहासिक बना दिया है। आस्था के इस महामेले ने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के सनातन संस्कृति प्रेमियों को एक सूत्र में बांधने का कार्य किया है।
–इन तिथियों पर जुटे सर्वाधिक श्रद्धालु
13 जनवरी (पौष पूर्णिमा) को 1.70 करोड़
14 जनवरी (मकर संक्रांति) को 3.50 करोड़
26 जनवरी को 1.74 करोड़
27 जनवरी को 1.55 करोड़
28 जनवरी को 4.99 करोड़
29 जनवरी (मौनी अमावस्या) को 7.64 करोड़
30 जनवरी को 2.06 करोड़
31 जनवरी को 1.82 करोड़
01 फरवरी को 2.15 करोड़
03 फरवरी (बसंत पंचमी) को 2.57 करोड़
09 फरवरी को 1.57 करोड़