नई दिल्ली । विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे भगोड़ों पर ब्रिटेन जल्द एक्शन ले सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि पीएम मोदी ने ये मुद्दा ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर के सामने उठाया है। जी-20 शिखर सम्मेलन में ब्राजील पहुंचे पीएम मोदी ने मंगलवार को ब्रिटेन के पीएम कीर स्टार्मर से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने माइग्रेशन से जुड़ी प्रक्रिया तेज करने की जरूरत पर सहमति जताई।
बता दें कि पीएम मोदी और ब्रिटिश पीएम स्टार्मर के बीच यह पहली मुलाकात थी। पीएम मोदी ने उन्हें पदभार ग्रहण करने पर बधाई भी दी तो वहीं स्टार्मर ने पीएम को उनके तीसरे कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं दीं।
बता दें कि भारतीय बिजनेसमैन नीरव दीपक मोदी एक भारतीय मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के केस में भगोड़ा है। उसपर इंटरपोल और भारत सरकार ने आपराधिक साजिश, भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग, धोखाधड़ी और गबन का आरोप लगाया है। पंजाब नेशनल बैंक के 2 अरब डॉलर के धोखाधड़ी मामले के एक केस में नीरव मोदी की जांच की जा रही है।
मार्च 2018 में नीरव मोदी के यूके में होने की सूचना मिली थी, जहां उसने राजनीतिक शरण के लिए आवेदन किया था। जून 2019 में स्विस अधिकारियों ने संपत्ति के साथ नीरव मोदी के स्विस बैंक खातों में मौजूद कुल 6 मिलियन स् डॉलर को सील कर दिया था। नीरव मोदी का परिवार कई पीढिय़ों से हीरे के कारोबार में है।
वहीं, विजय विट्टल माल्या भी एक भारतीय बिजनेसमैन और पूर्व सांसद है। माल्या पर किंगफिशर कंपनी के डूबने को लेकर भारतीय कानून के तहत विलफुल डिफॉल्टर होने का आरोप है, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग, हेराफेरी के आरोप शामिल हैं।
अदालत के आदेशों का उल्लंघन करते हुए अपने बच्चों को $40 मिलियन ट्रांसफर करने के लिए माल्या को 2017 में अवमानना का दोषी ठहराया गया था। इस मामले में 11 जुलाई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को चार महीने जेल की सजा सुनाई और 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया। शीर्ष अदालत ने माल्या को जेल की सजा सुनाते हुए चार सप्ताह के भीतर 8 प्रतिशत ब्याज के साथ 4 करोड़ डॉलर सुप्रीम कोर्ट कानूनी सेवा प्राधिकरण को जमा करने के लिये भी कहा था।