
अहमदाबाद में हुए एक दर्दनाक विमान हादसे में एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के 242 यात्रियों में से 241 की दुखद मौत हो गई। यह विमान अहमदाबाद से लंदन जा रहा था और उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस भयावह घटना में विश्वास कुमार रमेश नाम के एक यात्री चमत्कारिक रूप से जीवित बच गए। वह विमान में सीट संख्या 11A पर बैठे थे। इस घटना ने लोगों के मन में विमान में सबसे सुरक्षित सीट और हवाई यात्रा के दौरान सुरक्षा उपायों को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। आइये एयर इंडिया की बोइंग 787-8 में ये सीट कहां होती है और विमान में क्या सुरक्षा उपाय अपनाने चाहिए?
विमान दुर्घटना में किसी यात्री का बचना कई कारकों पर निर्भर करता है। इसमें दुर्घटना का प्रकार, विमान पर प्रभाव का बिंदु और यात्रियों की त्वरित प्रतिक्रिया शामिल है। हर विमान की के सीट स्ट्रक्चर अलग होते हैं। ऐसे में किसी एक सीट का सुरक्षित होना संभव नहीं हैं। हालांकि, अन्य फैक्टर पर इन्हें लेकर बात की जा सकती है।
एकमात्र जीवित बचा यात्री
अहमदाबाद के पुलिस कमिश्नर जीएस मलिक ने पुष्टि की कि सीट 11A पर बैठे एकमात्र यात्री जीवित मिले। ब्रिटिश-भारतीय नागरिक विश्वास कुमार अपने भाई के साथ लंदन लौट रहे थे। हादसे के बाद उन्हें अहमदाबाद के सिविल अस्पताल के ट्रॉमा वॉर्ड में भर्ती कराया गया। उनकी हालत अब स्थिर है। हालांकि, उनके शरीर पर चोट आई हैं। विश्वास ने बताया कि हादसे के बाद जब वे होश में आए तो उनके आसपास लाशें बिखरी थीं। डर के मारे वे वहां से भागने लगे और अपने भाई को खोजने की कोशिश की लेकिन वो हादसे का शिकार हो गया था।

क्या 11A सबसे सुरक्षित सीट है?
विश्वास कुमार रमेश का 11A सीट पर बैठे थे। इतने भयानक हादसे में उनका बचना किसी अचंभव से कम नहीं था। हालांकि, इसका ये अर्थ कतई नहीं है कि यह सीट हमेशा सबसे सुरक्षित है। बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर में सीट 11A आमतौर पर इकोनॉमी क्लास के केबिन में सबसे आगे और बिजनेस क्लास के ठीक पीछे और खिड़की के पास स्थित होती है। यह इमरजेंसी एग्जिट के भी करीब होती है। कई लोग कहते है कि ये उनके बचने का एक कारण हो सकता है। हालांकि, विमानन विशेषज्ञ ऐसा कोई भी दावा नहीं करते हैं।

कोई सीट सबसे सुरक्षित होती है?
एयरलाइंस आमतौर पर यह दावा नहीं करतीं कि कोई एक सीट सबसे ज्यादा सुरक्षित होती है। हालांकि, कुछ अध्ययनों और पुराने डेटा से पता चलता है कि विमान के पिछले हिस्से में बैठे यात्रियों के बचने की संभावना थोड़ी अधिक हो सकती है। यह एक सामान्य अवलोकन है और किसी भी दुर्घटना के लिए इसे पूर्ण सत्य नहीं माना जा सकता है।
फ्लाइट बुक करने में ध्यान रखें ये बातें
अगर आप अगली बार फ्लाइट बुक करते समय सबसे सुरक्षित सीट चुनना चाहते हैं तो आपको यह जानना जरूरी है कि कोई भी सीट 100% सुरक्षित नहीं होती। हालांकि, कुछ सामान्य बातें हैं जिन्हें आप ध्यान में रख सकते हैं।
- पीछे की सीटें: कई रिसर्च में क्रैश के वक्त प्लेन के पीछे की सीटों पर बैठे यात्रियों के बचने के चांस ज्यादा बताए जाते हैं।
- विंडो सीट: विंडो सीट ट्रैवल एंग्जायटी कम कर सकती है। हालांकि, इमरजेंसी में बाहर निकलने में परेशानी हो सकती है।
- इमरजेंसी एग्जिट के पास की सीटें: इन सीटों पर लेगरूम ज्यादा होता है। वहीं बाहर निकलने का रास्ता नजदीक होता है।
हवाई यात्रा में सुरक्षा मंत्र
फ्लाइट में सुरक्षा सिर्फ इस बात पर निर्भर नहीं करती कि आप किस सीट पर बैठे हैं। बल्कि यह ज्यादा इस बात पर निर्भर करती है कि आप कितने सतर्क और जागरूक होकर सफर कर रहे हैं। फ्लाइट के अंदर कुछ जरूरी बातों का आपको हमेशा ध्यान रखना चाहिए।
- सीट बेल्ट: टेकऑफ और लैंडिंग के समय हमेशा सीट बेल्ट बांधकर रखें। क्योंकि यही वो समय होता है जब झटके आने की संभावना ज्यादा होती है।
- सुरक्षा निर्देश: फ्लाइट के शुरू में दिए जाने वाले सुरक्षा निर्देशों को ध्यान से सुनें। इसमें बताई हर जानकारी आपके काम आ सकती है।
- सामान का प्रबंधन: ओवरहेड कैबिनेट में भारी सामान रखने से बचें। क्योंकि टर्बुलेंस के दौरान वह गिर सकता है और चोट पहुंचा सकता है।
- इमरजेंसी एग्जिट की जानकारी: अगर आप इमरजेंसी एग्जिट के पास बैठे हैं तो उसके इस्तेमाल और अपनी जिम्मेदारियों की पूरी जानकारी रखें।
कुल मिलाकर एक बात साफ है कि विमान की कोई एक सीट सुरक्षित नहीं हो सकती है। विमान के किसी हिस्से या सीट की सुरक्षा के लिए घटना का प्रकार भी मायने रखता है। वहीं घटना होने पर आपके सुरक्षित बचने के पीछे आपकी सतर्कता जरूरी है। अहमदाबाद विमान क्रैश में बचे यात्री की जान भी एक अचंभा है। क्योंकि, इस घटना में किसी के पास सोचने तक का वक्त नहीं था। हालांकि, वो बचे कैसे अब अस्पताल से निकलने के बाद वही बता सकते हैं।