प्रयागराज। पतित पावनी और मोक्षदायिनी गंगा, श्यामल यमुना और अंत:सलिला स्वरूप में प्रवाहित सरस्वती के पावन तट पर माघ मेले के सबसे बड़े स्नान ‘मौनी अमावस्या’ पर प्रशासन ने एक करोड़ से अधिक
श्रद्धालुओं के स्नान करने की संभावना व्यक्त की है।
मौनी अमावस्या पर्व पर श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ के मद्देनजर प्रशासन ने भी कमर कस ली है। माघ मेला हो या कुंभ या अर्द्ध कुंभ, मौनी अमावस्या पर सबसे अधिक भीड़ होने के कारण किसी प्रकार की अनहोनी से बचने के लिए प्रशासन को बेहद चौकसी बरतनी होती है। इस स्नान पर प्रशासन किसी भी वीवीआईपी मूवमेंट से गुरेज रखता है।
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि मौनी अमावस्या पर वैसे ही दूर-दराज से आकर स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की बहुत भीड़ रहती है, यदि कोई वीवीआईपी आ जाता है तो स्थिति जटिल हो जाती है। प्रशासन के लिए उस समय
वीवीआईपी तगड़ी व्यवस्था देने में कई बार भीड़ बिखरने लगती है। यही वह समय होता है, जब किसी प्रकार की अप्रिय घटना होने का भय रहता है।
गौरतलब है कि पिछले साल अर्द्ध कुंभ में लगभग 24 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया था, जिसमें मौनी अमावस्या पर करीब चार करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई थी।
जिलाधिकारी भनुचंद्र गोस्वामी ने कलेक्ट्रेट स्थित संगम सभागार में सभी मजिस्ट्रेटों को रेलवे स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण का निर्देश दिया। स्टेशन से पहले भीड़ को टुकड़ों में बांटने, सभी को चलायमान रखने और शहर को जाम से बचाने का निर्देश दिया। पूरा मेला क्षेत्र अर्द्धसैनिक बलों के हवाले कर दिया गया है। ड्रोन से भी मेले क्षेत्र की निगरानी की जाएगी। मेला प्रशासन का कहना है कि मौनी अमावस्या पर एक करोड़ से अधिक श्रद्धालु डुबकी लगाएंगे।
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