युवती के अपहरण व एससीएसटी एक्ट मामले में जेल में बंद पूर्व मंत्री के बेटे से पुलिस आठ घंटे की पूछताछ में कुछ भी उगलवा नहीं सकी है। कोर्ट से ली गई रिमांड बेनतीजा ही साबित हुई है। पुलिस ने सच कबूलवाने के लिए कई प्रयास किए लेकिन वह पहले की तरह ही गुमराह करता रहा। अहम तथ्य न निकलने पर उसे मेडिकल कराकर वापस जेल में दाखिल करा दिया गया है।
बीती 24 जनवरी को शहर के कांशीराम कालोनी निवासी महिला ने सपा सरकार में पूर्व मंत्री रहे स्व. फतेह बहादुर सिंह के बेटे रजोल सिंह पर बेटी को अगवा करने और इसमें कार्रवाई न होने की बात कह लखनऊ में पूर्व सीएम अखिलेश यादव की गाड़ी के आगे आत्मदाह का प्रयास किया था। मामले ने तूल पकड़ा तो पुलिस ने उसके विरुद्ध पूर्व से दर्ज युवती को भगाने और एससीएसटी एक्ट के मुकदमा के आधार पर हिरासत में लेकर जेल भेजा था। वहीं, दो टीमों से युवती की तलाश शुरू कराई थी। काल डिटेल में युवती व रजोल सिंह में नजदीकी की पुष्टि होने पर उसकी रिमांड को कोर्ट में आवेदन किया था।
कोर्ट ने गुरुवार रात उसकी आठ घंटे की रिमांड शुक्रवार के लिए मंजूर की थी। शुक्रवार को पुलिस रिमांड आदेश लेकर जेल पहुंची और उसका मेडिकल कराकर जेल चौकी ले गई। जहां सीओ सिटी व विवेचक कृपा शंकर ने उससे लंबी पूछताछ की। जिसमें उसे अपराध कुबूलने पर राहत का प्रलोभन भी दिया। सूत्र बताते हैं कि पुलिस के लाख प्रयास के बाद भी रजोल ने गुनाह स्वीकार नहीं किया। उसने युवती से नजदीकी तो स्वीकारी लेकिन उसके अपहरण या हत्या जैसी किसी भी जानकारी से अनभिज्ञता जताई। लंबी पूछताछ के बाद उसका मेडिकल कराकर पुलिस ने तय समय में उसे जेल पहुंचा दिया। अब पुलिस अन्य सुराग तलाशने में लगी है।












