यूपी की राजनीति : विधानसभा चुनाव को लेकर BJP सक्रिय, राहुल के खिलाफ पार्टी ने बनाया मास्टर प्लान

अगले साल यूपी में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसको लेकर हर पार्टी सक्रिय हो गई है। हालांकि, इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी उत्तर प्रदेश से दूर नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया पोस्ट छोड़ दें तो अमेठी से लोकसभा चुनाव हारने के बाद वह केवल एक बार यूपी आए। उनका आखिरी दौरा 3 अक्टूबर 2020 को था। तब वह अपनी बहन प्रियंका गांधी के साथ हाथरस गैंगरेप कांड में पीड़िता के परिजनों से मिलने के लिए आए थे। अब इन्हीं सब मुद्दों को BJP राहुल के खिलाफ चुनावी मुद्दा बनाएगी। 

BJP सूत्रों की मानें तो 5 पॉइंट्स में राहुल और कांग्रेस को चुनाव से पहले घेरने की तैयारी है।

5 पॉइंट जिन्हें राहुल के खिलाफ BJP हथियार बनाएगी

1. अमेठी हारने के बाद वापस नहीं आए2019 के लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी के हाथों अमेठी में मिली हार के बाद से राहुल गांधी ने यूपी से दूरी बना ली। राहुल आखिरी बार अमेठी 10 जुलाई को पहुंचे थे लेकिन उसके बाद कभी नहीं गए। केरल के वायनाड से वह लोकसभा चुनाव जीते और वहीं पर उन्होंने डेरा भी डाल लिया। पिछले 3 साल में हर 3-4 महीने में राहुल गांधी वायनाड तो जाते रहे, लेकिन अमेठी की तरफ उन्होंने मुड़कर भी नहीं देखा। अब BJP इसे राहुल गांधी और कांग्रेस के खिलाफ चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी में है। BJP नेताओं का कहना है कि जो व्यक्ति एक चुनाव हारने के बाद अपने लोगों को भूल सकता है वो किस मुंह से यूपी के विकास की बात करेगा?

2. उत्तर भारतीयों पर दिया गया कमेंट बनेगा मुद्दामार्च 2019 में चेन्नई के स्टेला मैरिस कॉलेज फ़ॉर वुमेन के संवाद कार्यक्रम में राहुल गांधी ने उत्तर भारतीयों पर कमेंट किया था। एक सवाल के जवाब में कहा था, ‘अगर आप बिहार या उत्तर प्रदेश जाएंगे और वहां की महिलाओं के साथ जैसा व्यवहार होता है, उसे देखेंगे तो आप हैरान रह जाएंगे। इसके कई सांस्कृतिक कारण हैं। तमिलनाडु उन राज्यों में शामिल है जहां महिलाओं के साथ बेहतर व्यवहार किया जाता है।’ राहुल ने कहा था कि उत्तर भारत की तुलना में दक्षिण भारतीय महिलाओं की स्थिति काफी बेहतर है। BJP इस बयान को फिर से चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी में है।

3. बंगाल में 44 से सीधे शून्य पर पहुंची कांग्रेस, अन्य राज्यों में भी हारराहुल गांधी की अगुआई में ही कांग्रेस ने असम, केरल, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी और तमिलनाडु में चुनाव लड़ा। इसमें तमिलनाडु छोड़ दिया जाए तो बाकी सभी राज्यों में कांग्रेस को बुरी हार का सामना करना पड़ा। बंगाल में तो कांग्रेस 44 से सीधे शून्य पर पहुंच गई। असम, केरल में भी कुछ खास नहीं कर पाई। पुडुचेरी से भी कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई। इससे पहले बिहार चुनाव में भी कांग्रेस को बुरी हार का सामना करना पड़ा था। BJP अब इसे राहुल गांधी का फेल्योर बताकर चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश में है।

4. 2017 में सपा-कांग्रेस के गठबंधन को मिली हारसमाजवादी पार्टी की सरकार रहने के दौरान 2017 के विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने एकसाथ मिलकर BJP के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन बुरी तरह से हार मिली। BJP फिर से दोनों के बीच हुई गठबंधन को याद दिलाकर चुनाव में लोगों के बीच जाने की तैयारी कर रही है।

5. संगठन कमजोर होना, राहुल की बजाय प्रियंका बनी लोगों की पसंदराहुल की यूपी से दूरी का एक और बड़ा कारण ये है कि यहां कांग्रेस बेहद कमजोर हो गई है। एक जमाने में कांग्रेस यूपी की सियासत की सबसे मजबूत कड़ी हुआ करती थी, लेकिन पिछले 30 वर्षों से सबसे कमजोर कड़ी बनी हुई है। ब्लॉक से लेकर जिले स्तर तक की टीम में गिने-चुने लोग ही शामिल हैं। राहुल गांधी की छवि भी यूपी में खराब है। उनके बदले लोग और कांग्रेस के नेता प्रियंका गांधी को ज्यादा पसंद करते हैं।

BJP का तंज- मुंह दिखाने लायक नहीं राहुल
यूपी से राहुल की दूरी पर BJP ने तंज कसा है। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा, ‘राहुल गांधी जिस तरीके से पराजित हुए हैं वो अब अपने आप को यूपी को मुंह दिखाने लायक नहीं समझ रहे हैं। लगातार मिल रही हार से वह काफी निराश और हताश हैं। इसीलिए उन्होंने अपनी बहन प्रियंका वाड्रा को आगे किया है। प्रियंका गांधी वाड्रा यहां से उत्तर प्रदेश के कठिन चुनौती को फेस करें, क्योंकि वह खुद उत्तर प्रदेश की कठिन चुनौती को फेस करने में असफल पाए इसलिए उन्होंने बहन को आगे किया हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष बोले- राहुल लोगों के दिलों में बसे हैं
कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने BJP नेताओं पर पलटवार किया। कहा, राहुल गांधी सभी के दिलों में बसते हैं। आज देश की मुद्दों को सिर्फ राहुल जी उठा रहे हैं। भाजपा के नेता राहुल गांधी के सवालों का जबाव देने से घबराते हैं। राहुल गांधी के नेतृत्व में हम सभी लगातार यूपी में सक्रिय हैं। 

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