यूपी में व्हील चेयर पर आया पर माफिया तंत्र


-सौ करोड़ से ज्यादा की सम्पत्ति का हो चुका ध्वस्तीकरण
-१९९५ से शुरू किया था सियासी सफर पार्टी भी बनाई
-भाई अफजाल के साथ इस समय बसपा के सदस्य
-वर्ष 2019 से पंजाब की रोपण जिले की जेल में बंद है

योगेश श्रीवास्तव
लखनऊ। प्रदेश में सत्तारूढ़ होने से पूर्व नता पार्टी द्वारा जारी किए गए संकल्पपत्र में प्रदेश की कानून व्यवस्था को शतप्रतिशत सुधारने के किए गए वादे पर योगी सरकार कसौटी पर खरी उतरती दिख रही है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बड़ी संख्या में दुर्दात अपराधी या तो स्वयं सरेंडर कर रहे है या फिर जमानत निरस्त कराकर वापस जेल जा रहे है। दूसरे राज्यों की जेलों में बंद नामीगिरामी माफिया यूपी आने से इतना घबरा रहे है कि अपनी बचत के लिए देश की सर्वोच्च अदालत तक में दस्तक दे रहे है। यूपी की विधानसभा में बसपा के विधायक मुख्तार अंसारी जो इन दिनों पंजाब की रोपण जिला जेल में है वे यूपी आने से इतना भयभीत है कि यहां आने से बचने के लिए वे हर हथकंडा अपना रहे है।

पिछले दिनों वे वहां की मोहाली कोर्ट में व्हील चेयर पर बैठकर गए और अपनी बीमारी का हवाला देकर वहीं की जेल में रखे जाने की गुजारिश की उनकी इस मांग को अदालत ने ठुकरा दिया और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में उन्हे यूपी स्थानांतरित किए जाने का आदेश दिया। मुख्तार अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश के अलावा दिल्ली, पंजाब और बिहार के 12 जिलों में 50 से अधिक मुकदमें दर्ज हैं। उसके और उसके गुर्गों की करीब 100 करोड़ रुपये की सम्पत्ति की जब्तीकरण व अवैध शस्त्रों के निस्तीकरण की कार्रवाई की जा चुकी हैं। पुलिस के आला अधिकारी की माने तो सन 1988 में पहली बार हत्या के एक मामले में मुख्तार का नाम प्रकाश में आया था, लेकिन पुलिस इस हत्या को लेकर मुख्तार के खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नहीं जुटा पाई थी। 1990 में जमीन के कारोबार और ठेकों की वजह से मुख्तार अपराध की दुनिया में कदम रख चुका था। पूर्वांचल के मऊ, गाजीपुर, वाराणसी और जौनपुर में उसके नाम का सिक्का चलने लगा था।


वर्ष 2005 में जनपद मऊ में दंगा भड़काने के मामले में मुख्तार ने गाजीपुर पुलिस के सामने आत्मसमपर्ण किया था। तभी से वह जेल में बंद है। पहले उसे गाजीपुर जेल में रखा गया। यहां से मथुरा जेल भेजा गया। बाद में मथुरा से आगरा जेल और आगरा से बांदा जेल भेज दिया गया। इसके बाद पंजाब पुलिस 24 जनवरी 2019 को लेकर चली गईघ् तब से वह पंजाब के रोपड़ जेल में बंद है। मुख्तार अंसारी का नेटवर्क पूरे उत्तर प्रदेश और दिल्ली, पंजाब और बिहार तक फैला हुआ है। अंसारी पर हत्या, हत्या की कोशिश, किडनैपिंग, रंगदारी दंगा भड़काने सरकारी और प्राइवेट संपत्तियों पर कब्जा वसूली समेत कई आदि गंभीर मुकदमे दर्ज हैं। इन चार राज्यों के 12 जिलों में मुख्तार पर 50 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।


सौ करोड़ से ज्यादा की संपत्ति हो चुकी है जब्त
प्रदेश की योगी सरकार में जीरो टॉलरेंस नीति के तहत गैंगस्टर एक्ट की धारा 14(1) की उपयोग करके मुख्तार अंसारी और उसके गुर्गों की करीब 100 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त व धवस्तीकरण की कार्रवाई की जा चुकी है। सरकारी अभिलेखों के मुताबिक सभी संपत्तियां अवैध तरीके से कब्जा करके अर्जित की गई थीं। इसके अलावा भी मुख्तार अंसारी का मछली पालन का अवैध धंधा जमीन कब्जे का धंधा और हथियार का नेटवर्क ध्वस्त कर दिया गया है। वहीं अंसारी के 50 से ज्यादा लोगों पर गैंगस्टर एक्ट लगाकर उन्हें जेल भेजा जा चुका है।
यूपी पुलिस विभाग के अधिकारी ने बताया कि पंजाब जेल में बंद मुख्तार अंसारी को लेने के लिए दो वर्षों में पुलिस आठ बार पंजाब जा चुकी है। लेकिन हर बार पंजाब पुलिस यह बहाना करके यूपी पुलिस को लौटा देती है कि मुख्तार अंसारी की सेहत ठीक नहीं है। इतना लम्बा सफ र करना उनके सेहत के लिए ठीक नहीं है। इसको लेकर कई बार यूपी और पंजाब सरकार भी आमने-सामने आ चुकी है।


यूपी मेंं आने पर तेज होगी कार्रवाई
गाजीपुर में हुई भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या मऊ में मुन्ना सिंह दोहरा हत्याकांड, इसके बाद मुन्ना हत्याकांड के गवाह रामचंद्र मौर्य और उनके अंगरक्षक सिपाही सतीश के दोहरे हत्याकांड की सुनवाई अभी तक चल रही है। अब मुख्तार अंसारी के उत्तर प्रदेश आने के बाद ही सभी मुकदमों की सुनवाई तेजी में आने की उम्मीद जताई गई है।


राजनीतिक जीवन
जरायम की दुनिया में कदम रखने के साथ ही मुख्तार अंसारी का जुड़ाव राजनीति में भी ज्यादा रहा है। इसी वजह सन 1995 में मुख्तार अंसारी ने राजनीति की मुख्यधारा में कदम रखा और सन 1996 में मुख्तार अंसारी पहली बार बहुजन समाज पार्टी विधान सभा के लिए चुने गए और 45.85 प्रतिशत से जीत दर्ज की। इसके बाद अंसारी मऊ निर्वाचन क्षेत्र से विधान सभा के सदस्य के रूप में रिकॉर्ड पांच बार विधायक चुने गए है। उन्होंने अपने भाइयों के साथ मिलकर कौमी एकता दल का भी गठन किया था जिसका बाद में उन्होंने सपा में विलय किया इस समय वे बसपा के विधायक है।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें