ये था इतिहास का सबसे अमीर शख्स, एक दिन में इतना सोना करता दान, जो अंबानी की दौलत से भी ज्यादा !

आज हम आपको बताने जा रहे हैं दुनिया के सबसे अमीर राजा के बारे में, जिसके उपहारों ने एक देश की अर्थव्यवस्था चौपट कर दी थी। लेकिन उस राजा का खुद का देश अब आर्थिक संकट से जूझ रहा है। आज के समय में दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति जेफ बेजोस की संपत्ति 99 Billion Pounds (9028 अरब रुपये से भी ज्यादा) है, वह इस राजा के आसपास भी नहीं टिकते।

हम आपको कहानी बता रहे हैं, 14वीं सदी में माली देश के राजा रहे मनसा मूसा की। मनसा मूसा इतिहास के सबसे उदार राजाओं में से एक थे। वह जहां जाते, वहां आम लोगों को इतना उपहार देते थे कि उस देश की अर्थव्यवस्था डगमगाने लगती थी।

उनका जन्म 1280 के एक शासक परिवार में हुआ था। राजा मनसा मूसा के भाई मनसा अबु-बकर जब एक समुद्री अभियान से वापस लौटने में असफल रहे तब उनके भाई मनसा मूसा को स्वर्ण समृद्ध साम्राज्य विरासत में मिला था।

मनसा मूसा के राज्य में सोने और अन्य सामानों का व्यापार करने वाले प्रमुख व्यापारिक केंद्र थे, इस व्यापार से उन्हें काफी मुनाफा मिलता था , उस दौर में माली के पास पूरी दुनिया के सोने का लगभग आधा हिस्सा था, जिस पर वहां के शासक मनसा मूसा का एकाधिकार था।

एक बार मूसा ने सहारा रेगिस्तान और मिस्र से होते हुए मक्का में हज यात्रा पर जाने का फैसला लिया। माली से हज के लिए निकलते वक्त उनके कारवां में 60,000 से ज्यादा लोग, हाथी, घोड़े, ऊंट व अन्य कई तरह के जानवर और भारी मात्रा में साजो-सामान शामिल था। यात्रा के दौरान उन्होंने काहिरा में अपने लाव-लश्कर के साथ तीन महीने का प्रवास किया था।

इस बीच उन्होंने वहां के लोगों को तोहफे में इतना सोना दे दिया कि मिस्र की अर्थव्यवस्था ही बैठ गई थी। मूसा के सोने के उपहारों की वजह से पूरे 10 साल तक मिस्र में सोने की कीमतें गिरी रही। तीर्थ यात्रा के दौरान मूसा ने इतने स्वर्ण उपहार बांटे कि पूरे मध्य पूर्व (मिडिल ईस्ट) क्षेत्र को लगभग 1.1 Billion Pounds (100 अरब रुपये से ज्यादा) का आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा था।

ये मान्य है कि पश्चिमी अफ्रीका में शिक्षा की परंपरा शुरू करने वाले मनसा मूसा ही थे। साहित्य, कला और वास्तुकला को बढ़ावा देने में उनका अहम योगदान था। साथ ही स्कूल, पुस्तकालयों और मस्जिदों को इसके लिए वित्त पोषित किया।

जब वह हज यात्रा से वापसी कर रहे थे तो मिस्र से होकर गुजरे और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए उन्होंने सोने को प्रचलन से बाहर करने का प्रयास किया। इसके लिए उन्होंने सोने को ब्याज पर वापस लेना शुरू कर दिया था। आर्थिक इतिहासकार का मानना हैं कि पर्याप्त दस्तावेजों के अनुसार मनसा मूसा के पास कितना धन था, इसका पूरा अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता।

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