ये देश वापस मांग रहा था ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’, अमेरिका ने सुनाई खरी-खरी

अमेरिका के न्यूयॉर्क में लिबर्टी आइलैंड पर खड़ी स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी यानी लिबर्टी एनलाइटिंग द वर्ल्ड को अमेरिका और फ्रांस की दोस्ती का प्रतीक माना जाता है। ताबे की यह प्रतिमा 151 फुट ऊंची है और यदि इसमें चौकी और आधारशिला मिला लिया जाए तो यह ऊंचाई 305 फुट हो जाती है। 22 मंज़िला इस मूर्ति के ताज तक पहुंचने के लिये 354 घुमावदार सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। इस प्रतिमा का नाम रोमन देवी ‘लिबर्टस’ के नाम पर रखा गया है, जो रोमन पौराणिक कथाओं में स्वतंत्रता का प्रतीक है। यह फ्रांस में बनाई गई थी और इसे अमेरिका को उपहार में दिया गया था। लेकिन अब इस पर विवाद हो गया है।

फ्रांस नेता ने क्या कहा?

अब फ्रांस के नेता राफेल ग्लक्समैन ने अमेरिका से इस प्रतिमा को वापस लेने की मांग कर दी है। ग्लक्समैन का तर्क है कि अमेरिका ने उन मूल्यों को बरकरार नहीं रखा है जिन्होंने फ्रांस को स्मारक उपहार में देने के लिए प्रेरित किया था। ग्लक्समैन ने कहा, “हम अत्याचारियों का साथ देने वाले और वैज्ञानिक स्वतंत्रता की मांग करने वाले को बर्खास्त करने वाले अमेरिकियों से कहेंगे कि हमें स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी वापस दे दो। हमने इसे आपको एक उपहार के रूप में दिया था, लेकिन जाहिर है, आप इसे तुच्छ समझते हैं। इसलिए यह फ्रांस में अपने घर पर ठीक रहेगा।” 

ट्रंप के मुखर आलोचक ग्लक्समैन की इस मांग को उनके राजनीतिक विरोध के तौर पर देखा गया है। ग्लक्समैन इससे पहले भी यूक्रेन में युद्ध के संबंध में ट्रंप की विदेश नीति में बदलाव का कड़ा विरोध करते रहे हैं। उन्होंने फ्रांस में धुर दक्षिणपंथियों के नेताओं की भी निंदा करते हुए उन पर ट्रंप और अरबपति एलन मस्क का ‘फैन क्लब’ बताया था।

अमेरिका ने सुनाई खरी-खरी

ग्लक्समैन के इस बयान पर व्हाइट हाउस की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है। प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने इस मांग को सिरे से खारिज करते हुए ग्लक्समैन की राजनीतिक हैसियत का मजाक उड़ाया। उन्होंने प्रतिमा लौटाने को लेकर कहा, “बिल्कुल नहीं, और उस अनाम निम्न-स्तरीय फ्रांसीसी राजनीतिज्ञ को मेरी सलाह होगी कि उन्हें याद दिलाया जाए कि यह केवल संयुक्त राज्य अमेरिका की वजह से है कि फ्रांसीसी अभी जर्मन नहीं बोल रहे हैं। इसलिए उन्हें हमारे महान देश का बहुत आभारी होना चाहिए।”

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें

महाकुम्भ में बना एक और महारिकॉर्ड योगी सरकार ने महाकुंभ के दौरान सबसे बड़े सफाई अभियान का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। CM Yogi : ‘हैरिंग्टनगंज’ नहीं ‘विष्णु नगर’ नाम बोले इस प्यार को क्या नाम दूं… फारुक अब्दुल्ला ने किए माता वैष्णो देवी के दर्शन