ये बुजुर्ग हैं अंबानी से भी बड़े बिजनेसमैन, हंसने से पहले जरूर पढ़ लें ये खबर

‘ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो, भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी…मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन वो कागज की कश्ती वो बारिश का पानी…।’ ये लाइने शायद आपने पहले भी सुनी होंगी। यानि जवानी या फिर बुढ़ापे में हर कोई अपने बचपन के दिनों को याद करता है। बचपन की कुछ यादें ऐसी होती हैं जिन्हें इसांन फिर से जीना चाहता है। आज हम आपको आपके बचपन से जुड़ी ऐसी ही याद के बारे में एक खबर बताने जा रहे हैं, जो शायद आपको जरुर जाननी चाहिए। आज हम आपको संतरे की गोली वाले ये बाबा से मिलवाने जा रहे हैं। जी हां, वही संतरे वाली गोली जिसे हम बचपन में बड़े ही चाव से खाते थे।

इस पीढ़ी में शायद ही कोई ऐसा बच्चा हो जिसने बचपन में इन खट्टी-मीठी गोली का लुत्फ न लिया हो। वो बच्चे समय के साथ बड़े हो गए। कईयों की शादी हो गई। लेकिन, इस बाबा की संतरे वाली गोलियों का स्वाद बड़े हो चुके बच्चों की जुबां पर आज भी है। आपको हैरानी होगी की इतने सालों से ये बाबा आज भी संतरे की गोलियां बेच रहे हैं। संतरे की गोली वाले बाबा आज भी ये गोलियां बेच रहे हैं और छोटे-बड़े बच्चे इसे खरीद रहे हैं।

हम बात कर रहे हैं ग्वालियर, मप्र के रहने वाले 91 साल के बुजुर्ग मूलचंद्र सोनी परात के बारे में। मूलचंद्र ने सालों पहले संतरे की गोली बनाने का बिजनेस शुरु किया था। शायद आपने भी बचपन में इन गोलियों का स्वाद चखा होगा। लेकिन, इतने सालों बाद भी अब जब समय पूरी तरह से बदल चुका है ये बुजुर्ग आज भी संतरों की गोलियां बेचते हैं। उन्होंने इसे अपना बिजनेस और जीने का जरिया बना लिया है।

आपको याद होगा कि स्कूल के दिनों में ये संतरे की गोलियां हम सभी बड़े चाव से खाते थे। ये बाबा आज भी उन लड़कियों की शादियों में जाते हैं जो कभी इनसे संतरे की गोलियां खरीदती थी। शहर के लोग भी बाबा की उतनी ही इज्जत करते हैं। बाबा के बारे में बताया जाता है कि वो हर उस लड़की की शादी में एक साड़ी लेकर आशीर्वाद देने जाते हैं, जिसने कभी बचपन में उनके यहां से संतरे वाली गोली खरीदी हो। बाबा का बच्चियों के प्रति ऐसा स्नेह है कि वो गोली बेचने से हुई कमाई से एक-एक रुपया जोड़कर इन बच्चियों के लिए साड़ी खरीदते हैं।

बता दें कि बाबा ने शादी नहीं की है। बाबा के लिए यहीं बच्चियां ही उनकी बेटियां हैं। मूलचंद्र सोनी नाम के ये बुजुर्ग मप्र के ग्वालियर स्थित बालाबाई के बाजार में रहते हैं। करीब 91 साल के हो चुके मूलचंद्र संतरे की गोलियां बेचते नजर आ जाते हैं। आपको बता दें कि मूलचंद्र सोनी ने उम्र भर यही काम किया है। मूलचंद्र सोनी ने भले ही बहुत अधिक पैसे न कमाए हो लेकिन उन्होंने स्नेह और प्यार का बिजनेस किया है। मूलचंद्र सोनी ने अपने लिए पैसे नहीं बल्कि इज्जत कमाई है। इसलिए वो अंबानी जैसे बिजनेसमैन से भी बहुत बड़ा बिजनेसमैन हैं।

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