रामलीला में सुमंत की वापसी ,राम केवट संवाद का का हुआ मंचन

राम लखन बिना लौटे सुमंत, धराशाई हुईं दशरथ की उम्मीदें

रामलीला में राम केवट संवाद, दशरथ मरण का हुआ मंचन

रूद्रपुर। रुद्रपुर की प्राचीन बस स्टैंड वाली रामलीला में सुमंत की वापसी, राम केवट संवाद, दशरथ मरण एवं भरत मिलाप तक की सुंदर लीला का मंचन हुआ। रामलीला का शुभारंभ नगर के प्रसिद्ध समाजसेवी नरेश ग्रोवर व राकेश ग्रोवर तथा भूरारानी के पूर्व प्रधान रामकिशन खेड़ा एवं पार्षद मोहन खेड़ा ने सपरिवार किया। श्री रामलीला कमेटी एवं श्री राम नाटक क्लब ने मुख्य अतिथियों का माल्यार्पण कर व शाल ओढ़ाकर स्वागत किया। सारथी फाउंडेशन ने उन्हें तुलसी के पौधे उपहार स्वरूप भेंट किए।

लीला में श्रीराम मंत्री सुमंत को समझाकर अयोध्या वापस जाने को कहते हैं। सुमंत बहुत मनुहार करते हैं, लेकिन राम नहीं मानते। इसके बाद राम की भील राजा गुह से भेंट होती है। गंगा पार करने के दौरान राम की मुलाकात केवट मल्लाह से होती है। राम- केवट संवाद में भक्ति रस का खूबसूरत अहसास समां बांध देते हैं। इधर मंत्री सुमंत के बिना रामलखन के अयोध्या वापस आते ही मानों राजा दशरथ की आखरी उम्मीद भी धराशाही हो जाती है। पुत्र वियोग में राजा दशरथ तड़प उठते है। आखिरकार रोते रोते वो राम को पुकारते पुकारते वो दम तोड़ देते हैं। उनके देहांत के बाद अयोध्या के दूत भरत और शत्रुघ्न को उनके ननिहाल से वापसी बुला लाते हैं।

अयोध्या में वापसी पर भरत व शत्रुघ्न को अपनी मां कैकयी द्वारा महाराजा दशरथ से मांगे गए दो वचनों, राम के वनवास और रामवियोग में पिता दशरथ की मृत्यु होने का समाचार मिला। भरत अपनी मां कैकयी को बहुत बुरा भला कहते हैं और राम से मिलने वन की तरफ दौड़ पड़ते हैं।

वन में पहुंचकर भरत राम से वापस चलने की मनुहार करते हैं, लेकिन राम मना कर देते हैं। भरत भी राजपाट संभालने से इंकार करते हैं, तो राम अपनी खड़ाऊं देकर उन्हें विदा करते हैं।

राजा दशरथ का किरदार प्रेम खुराना, राम का किरदार मनोज अरोरा, भगवान गणेशजी आशीष ग्रोवर आशु, सुमंत का किरदार सचिन आनंद, केवट मल्लाह का किरदार अनिल तनेजा, लक्ष्मण का गौरव जग्गा, सीताजी का कपिश सुखीजा, भरत संजीव आनंद, शत्रुघ्न की भूमिका में सौरभ राज बेहड़, कैकयी- नरेश छाबड़ा, कौशल्या राजेंद्र छाबड़ा, राजा गुह रोहित नागपाल ने निभाया। मंच संचालन मंच सचिव केवल कृष्ण बत्रा नें किया।

इस दौरान श्री रामलीला कमेटी के अध्यक्ष पवन अग्रवाल, महामंत्री विजय अरोड़ा, कोषाध्यक्ष नरेश शर्मा, उपाध्यक्ष विजय जग्गा,  सुभाष खंडेलवाल, मंच सचिव केवल किशन बत्रा, अमित अरोड़ा बॉबी, राकेश सुखीजा, रवि पुंशी, महावीर आजाद, केवल किशन बत्रा, हरीश धीर, सुधीर अरोरा आदि उपस्थित थे।

खबरें और भी हैं...