आपने ये देखा होगा की कुछ लोगो की आदत होती है की वो हर छोटी सी छोटी बात को लेकर इमोशनल होकर रोने लगते है।चाहे वो एक पुरुष हो या एक महिला जिन्हें हमारे समाज में कमजोर समझा जाती है लेकिन ये सोचना बिलकुल गलत है आपकी जानकारी के लिए हसने से साथ-साथ रोना भी जरुरी होता है. रोने से इंसान तनावमुक्त महसूस करता है और उसका मन हल्का हो जाता है. रोने से मूड भी पहले से बेहतर हो जाता है. इसलिए व्यक्ति अगर परेशान होने पर थोड़ा रो भी ले तो यह बुरा नहीं है. आईये जानते हैं रोने से किस तरह से हमें फायदा हो सकता है.
तनाव से मुक्ति
यदि आप को किसी बात की बहुत ज़यादा टेंशन है तो यकीनन आपका भी रोने का मन करता होगा. लेकिन कई लोग इसे नियंत्रित करने लग जाते हैं. ऐसा नहीं करना चाहिए. इंसान यदि रो लेगा तो उसके मन में आने वाले सभी नकरात्मक विचार चले जायेंगे जिसके बाद आप हल्का और तनाव रहित महसूस करेंगे.
बैक्टीरिया से मुक्ति
प्याज़ काटने पर भी आंखों से आंसू निकलने लगते हैं. कुछ आंख में चला जाए तब भी आंसू निकलने लगते हैं. पर क्या आपको पता है आंसू के साथ-साथ कई हानिकारक तत्व भी बाहर निकल जाते हैं. हानिकारक तत्व बाहर निकलने से आंखें साफ़ हो जाती हैं और संक्रमण का ख़तरा कम हो जाता है.
मूड फ्रेश होना
जी भर के रो लेने से मूड हल्का हो जाता है. मूड हल्का होने पर आप पहले से बेहतर महसूस करते हैं. इसलिए आपने अक्सर देखा होगा कि कोई भी भावनात्मक दुःख के बाद व्यक्ति को रोने दिया जाता है. लोग कहते हैं कि उसे जी भर के रो लेने दो. ऐसा इसलिए कहते हैं क्योंकि रोने से मूड और दर्द दोनों हलके हो जाते हैं.
हाई ब्लड प्रेशर में राहत
टेंशन से ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है और आपको दूसरी अन्य बीमारी घेरने लगती हैं. लेकिन यदि आप थोड़ा रो लेंगे तो न सिर्फ आपका मानसिक तनाव कम होगा बल्कि हाई ब्लड प्रेशर की दिक्कत भी नहीं रहेगी. इतना ही नहीं, आप और भी कई बीमारियों से सुरक्षित रहेंगे.
सिरदर्द से मुक्ति
जब व्यक्ति भावनात्मक रूप से रोता है तो उसके शरीर में से एड्रेनोकार्टिकोट्रोपिक और ल्यूसीन जैसे हॉर्मोन निकलते हैं. इन हॉर्मोन्स के निकलने पर व्यक्ति अच्छा महसूस करने लगता है और मूड फ्रेश हो जाता है. सिरदर्द भी गायब हो जाता है.