लैंसेट ने किया चौंकाने वाला दावा, कहा-हवा के जरिए फैलता है कोरोना वायरस

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच दुनिया के प्रमुख हेल्थ रिसर्च जर्नल लैंसेट ने बड़ा दावा किया है। जर्नल में प्रकाशित एक रिव्यू में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस हवा के जरिए तेजी से फैलता है। वायरस को लेकर अब तक छपी अलग-अलग स्टडी का रिव्यू कर एक्सपर्ट्स ने अपनी बात को साबित करने के लिए कई कारण भी सामने रखे हैं।

रिव्यू की मुख्य लेखक ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की त्रिश ग्रीनहाल का कहना है कि नए खुलासे के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) समेत दूसरी हेल्थ एजेंसियों को वायरस के ट्रांसमिशन होने की परिभाषा को बदलने की जरूरत है। उन्होंने फिजिकल डिस्टेंसिंग, मास्क समेत जो अन्य नियम बनाए हैं, वह इस वायरस को रोकने में काफी नहीं हैं। इस रिव्यू को यूके, यूएसए और कनाडा के छह एक्सपर्ट्स ने लिखा है।

नए रिव्यू में किए गए अहम दावे-

1. सुपर स्प्रेडर इवेंट में मिले केस

नया रिव्यू कहता है कि कागिट कॉयर इवेंट एक सुपर-स्प्रेडर इवेंट साबित हुआ। इस इवेंट में एक संक्रमित व्यक्ति शामिल हुआ और उसने 53 अन्य लोगों को संक्रमित कर दिया। स्टडी में पता चला कि कई लोग तो आपस में संपर्क में भी नहीं आए थे और न ही उनकी मुलाकात हुई थी। निश्चित तौर पर हवा से वायरस फैला, तभी ये लोग इन्फेक्ट हुए।

2. इनडोर में ट्रांसमिशन ज्यादा

रिसर्च में बताया गया है कि खुली जगहों के बजाय बंद जगहों में संक्रमण ज्यादा तेजी से फैलता है। बंद जगहों को हवादार बनाकर संक्रमण के फैलाव को कम किया जा सकता है।

3. साइलेंट ट्रांसमिशन से फैला वायरस

रिव्यू कहता है कि साइलेंट ट्रांसमिशन भी वायरस के फैलने में मददगार रहा। 40% वायरस ट्रांसमिशन ऐसे लोगों से हुआ, जिनमें कोई लक्षण नहीं था। पूरी दुनिया में इन बिना लक्षण वाले लोगों ने वायरस को फैलाया।

4. बड़े ड्रॉपलेट्स से फैलाव के सबूत कम

भारी ड्रॉपलेट्स से वायरस के तेजी से फैलने को लेकर बेहद कम सबूत मिले हैं। बड़े ड्रॉपलेट्स हवा में नहीं ठहरते। गिरकर सतह को संक्रमित करते हैं। किसी भी स्टडी में यह साबित करने वाला तथ्य नहीं मिला है।

नए दावे के मायने क्या हैं?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि हाथ धोना और सतह को साफ करना अभी भी जरूरी हैं, लेकिन सारा फोकस इसी पर नहीं होना चाहिए। जरूरत है कि हवा के जरिए वायरस ट्रांसमिशन के लिए तुरंत जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए। इसके तहत वायरस को सांस की नली में जाने से रोकने और इसे हवा में ही खत्म करने पर फोकस करना चाहिए।

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