वर्तमान समय में हर तरफ गेंदा के फूलों की डिमांड बढ़ती जा रही है। शादी समारोह सहित विभिन्न कार्यक्रमों में इसका प्रयोग किया जा रहा है। ऐसे में जनपद के किसानों को खेती के लिए प्रोत्साहन देने के लिए सरकार 27 हजार रुपये अनुदान दे रही है। यह अनुदान केवल अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए होगा। इसके लिए कुल एक हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यानी गेंदा के फूलों से जिले की धरती महकेगी और किसानों को रोजगार भी मिलेगा तो आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी। इसके लिए सरकार ने उद्यान विभाग को जिम्मेदारी सौंपी है। फूलों की खेती से एक ओर जिले की धरती महकेगी तो दूसरी ओर आय के स्त्रोत भी बढ़ेंगे।
उद्यान विभाग निरंतर फूलों की खेती की ओर किसानों को मोड़ना चाहता है। इसके लिए सरकार की ओर से बीज व उर्वरक पर अनुदान भी दिया जा रहा है। ग्लेडियोलस फूल विदेशी प्रजाति का है। इसकी जबरदस्त डिमांड है। सरकार की मंशा है किसानों को फूलों की खेती ओर आकर्षित किया जाए ताकि उन्नति के द्वार खुल जाएं। किसानों द्वारा अन्य फसलों के पैदावार से जो लाभ मिलता है उससे कई गुना ज्यादा लाभ फूलों की खेती से हो रहा है। समय के साथ हो रहे बदलाव के मद्देनजर सरकार ने किसानों को गेंदा के फूलों की खेती के लिए जागरूक करने का बीड़ा उठाया है। इसके लिए उद्यान विभाग को जिम्मेदारी दी गई है।
उद्यान विभाग के माध्यम से गेंदा के फूलों की खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। गेंदा के बीज पर 27 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान के रूप में किसानों को दिया जा रहा है। गेंदा के फूल का माकूल मौसम चल रहा है। ऐसे में किसान अधिक फूल पैदा कर लाभ कमा सकते हैं। -बालकृष्ण वर्मा, जिला उद्यान अधिकारी।