नई दिल्ली (ईएमएस)। देश की शीर्ष महिला पहलवानों में से एक विनेश फोगाट ने कहा है कि पहलवान जहां जंतर मंतर पर धरने पर बैठे है। वहीं स्टार क्रिकेटरों और अन्य खेलों के दिग्गज खिलाड़ियों का इस मामले में मौन साधना दुखद है। विनेश ने कहा कि ऐसे खिलाड़ी आगे से जीत पर हमें बधाई भी न दें। पहलवान आजकल कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं। कई राजनीतिक दलों ने भी इन पहलवानों को समर्थन दिया है पर अब तक खेल जगत की हस्तियां इस मामले में उनके समर्थन में नहीं उतरी है। पहलवानों ने महासंघ के प्रमुख बृजभूषण पर यौन शोषण के आरोप लगाये हैं। उसी कारण अब विनेश का गुस्सा फूटा है। इस खिलाड़ी ने इस मामले में स्टार क्रिकेटरों और शीर्ष खिलाड़ियों की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं।
विनेश फोगाट ने कहा कि मुझे यह देखकर पीड़ा हो रही है कि देश के बड़े क्रिकेटर और खिलाड़ियों में इतनी भी हिम्मत नहीं है किस वे इस मसले पर कुछ बोले हैं और जो सत्ता में उनपर सवाल उठाए। विनेश के साथ ही ओलंपिक पदक जीतने वालीं साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया भी धरने पर बैठे हैं।
एक कार्यक्रम में विनेश ने कहा, पूरा देश क्रिकेटरों को मानता है पर एक भी क्रिकेटर ने कुछ नहीं बोला है। हम यह नहीं कह रहे हैं कि आप हमारे पक्ष में बोलें, लेकिन कम से कम इस मसले पर अपनी राय तो रखें और इतना तो कहें कि इस मामले में हमें न्याय मिलना चाहिए या जो सही हो उसका समर्थन होना चाहिये। क्रिकेटरों के अलावा बैडमिंटन, टेनिस एथलेटिक्स सहित अन्य खिलाड़ियों का इस मामले में चुप रहना दुखद है।
विनेश ने कहा ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ आंदोलन का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसा नहीं है कि हमारे देश में बड़े एथलीट्स नहीं हैं। कई क्रिकेट खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अमेरिका में ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन के दौरान खुलकर अपनी बात रखी थी और समर्थन दिखाया था पर हम क्या इस लायक भी नहीं कि हमारा समर्थन हो। उन्होंने कहा कि जब पहलवान ओलंपिक या बड़े मंच पर पदक जीतते हैं तो क्रिकेटर भी उन्हें बधाई देते हैं पर अभी क्या हो गया? फोगाट ने पूछा कि क्या यह खिलाड़ी सिस्टम से डरते हैं या कुछ और बात है?
विनेश ने आगे कहा कि मैंने और बजरंग पूनिया ने खुली चिठ्ठी लिखी थी और वीडियो पोस्ट किए थे, जिसमें खिलाड़ियों से बोलने का अनुरोध किया था पर हम नहीं जानते कि वे किस बात से डरते हैं। मैं समझती हूं कि वो हो सकता है कि वो इस बात को लेकर डर रहे हों कि कहीं वो कुछ बोले और उनकी स्पॉन्सरशिप और ब्रांड एंडोर्समेंट डील प्रभावित हो जाए। शायद इसीलिए वे पहलवानों से खुद को जोड़ने से डर रहे हैं। यही बात मुझे तकलीफ दे रही है। .
उन्होंने कहा कि जिन खिलाड़ियों में अभी अपनी बात कहने का ‘साहस’ नहीं. उन्हें भविष्य में पदक जीतने पर उन्हें ‘बधाई’ नहीं देनी चाहिए। वहीं पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव ने इस मामले पर पहलवानों की तस्वीर ट्वीट कर कहा था कि क्या इन्हें कभी न्याय मिलेगा? वहीं एक दिन पहले ही ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा ने पहलवानों के साथ एकजुटता दिखाई थी। उन्होंने कहा था कि इस में पहलवानों की बातों को निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से सुना जाए।